लखनऊ (ब्यूरो)। नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान का इकलौता नर बब्बर शेर पृथ्वी लंबे वक्त से बीमार चल रहा है। पृथ्वी की हालत गंभीर बनी हुई है। एक वक्त में 10 किलोग्राम मीट खाने वाला पृथ्वी इन दिनों आईवी फ्लूइड (इंट्रावेनस फ्लूइड) के भरोसे है। पृथ्वी की हालत में सुधार होगा या नहीं यह कहना मुश्किल है। ऐसे में जू के स्टार पृथ्वी की दहाड़ सुनने वाले दर्शकों को चिंता सताने लगी है कि कहीं उसका बाड़ा हमेशा के लिए खाली न रह जाए। पृथ्वी की लगातार खराब होती स्थिति का असर उसकी पार्टनर वसुंधरा पर भी पड़ा है। वह बीते आठ दिनों से पृथ्वी से दूर गुमसुम और उदास है।

बढ़ती उम्र बीमारियों का सबब

जू के अधिकारियों के मुताबिक, पृथ्वी की उम्र 17 साल है। बब्बर शेरों की उम्र औसतन 20 साल होती है। 17 साल उम्र के कारण उसको बीमारियां घेर रही हैं। 14 जून से पृथ्वी बीमार चल रहा है। चिकित्सकों का कहना था कि वह पिछले दो पैरों से उठ नहीं पा रहा है। पृथ्वी के गेटकीपर से मिली जानकारी के मुताबिक उसने 13 जून को खाना खाया था। 14 जून को सुबह बाड़े से वह बाहर भी आया, लेकिन शाम को वह बीमार हो गया। उसी दिन से भोजन न करने के चलते उसे इंट्रावेनस फ्लूइड दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती उम्र के साथ इंटर्नल ऑर्गन डैमेज होने लगते हैं। इन्हीं ऑर्गन्स को रिवाइव करने के करने के लिए फ्लूइड दिया जाता है।

2015 से जू में सुनाई दे रही पृथ्वी वसुंधरा की दहाड़

पृथ्वी को बिलासपुर प्राणि उद्यान, छत्तीसगढ़ से साल 2015 में लाया गया था। पृथ्वी के साथ वसुंधरा भी आई थी। उस दौरान इनकी उम्र लगभग 7 साल के करीब थी। साल 2015 में वसुंधरा ने चार शावकों को जन्म दिया था। जिनमें से लखनऊ जू में दो नाज व शीना ही बचे हैं।

वसुंधरा भी रही गुमसुम

पृथ्वी के बीमार होते ही वसुंधरा ने भी खाना पीना छोड़ दिया था। बीते आठ दिनों से पृथ्वी को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिससे बिछड़ने के बाद वसुंधरा ने भी खाना पीना छोड़ दिया था। वह काफी बैचैन रहने लगी थी और इधर-उधर भागा करती थी। पर चिकित्सको की देखरेख में अब धीरे-धीरे वह नार्मल हो रही है। खाना भी खाने लगी है। पर दिनभर उदास अपने बाड़े मे लेटी रहती है।

इंफेक्शन के डर से रखा दूर

पृथ्वी को आठ दिनों से अस्पताल में रखा गया है। उसकी मॉनिटरिंग डॉक्टर्स की टीम कर रही है। पृथ्वी से वसुंधरा को इंफेक्शन न हो ऐसे में ही उसे बाड़े से अस्पताल में शिफ्ट किया गया। पृथ्वी को ताकत की दवाइयां, एंटीबायोटिक्स, ग्लूकोस, मल्टीविटामिन, इलेक्ट्रोलाइट्स व अन्य दवाइयां देकर उसका इलाज किया जा रहा है।

पृथ्वी ने आज भी भोजन ग्रहण नहीं किया। उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। आईवी फ्लूइड व जीवन रक्षक दवाएं लगातार दी जा रही हैं। वन्यजीव चिकित्सक व कीपर लगातार उसकी देखभाल कर रहे हैं। हम पृथ्वी को स्वस्थ करने में हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

-अदिति शर्मा, निदेशक वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान