- शारदा नहर में 28 नवंबर को होनी है सफाई

- सरोजनी नगर में जलापूर्ति बाधित होने पर जाम और प्रदर्शन

LUCKNOW: कठौता झील में सिर्फ दो दिन का पानी बचा है। 28 नवंबर तक पानी नहीं पहुंचा तो इंदिरा नगर और गोमती नगर के लोगों के लिए पेयजल की समस्या बढ़ जाएगी। थर्सडे को इंदिरा नगर के भूतनाथ, सी ब्लाक, डी ब्लाक आदि क्षेत्रों में पेजयल संकट रहा। स्थानीय लोगों को पानी के लिए दूसरे विकल्पों का सहारा लेना पड़ा। हालांकि जलकल विभाग नलकूपों के जरिए पानी की कमी को पूरा करने में लगा है लेकिन पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति न होने से समस्या बढ़ रही है।

रोकी गई सप्लाई

शारदा नहर की सफाई को लेकर 28 अक्टूबर से कठौता झील में सप्लाई रोक दी गई है। पानी न आने से इंदिरा नगर और गोमती नगर क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या गहरा गई है। इसमें सिर्फ दो दिनों का पानी ही बचा है। इसकी गंभीरता को देखते हुए डीएम राजशेखर ने सिंचाई विभाग को 28 नवंबर से पानी छोड़ने के निर्देश दिए थे। जिससे कि 30 नवंबर तक पानी झील तक पहुंच सके। लेकिन जलकल विभाग को सिंचाई विभाग से कोई जानकारी नहीं मिली है। वहीं जलकल विभाग के अभियंता बीएन मिश्रा का कहना है कि झील में पानी कितना है यह बता पाना मुश्किल है। दरअसल, झील में बालू की मोटी परत जमा हो गई है। इसे निकालना जरूरी हो गया है। प्रत्येक दि 5-6 इंच पानी घट रहा है। शारदा सहायक पोषक नहर से पूरी तरह से पानी न मिलने की दशा में यह समस्या और भी विकराल हो सकती है। जलकल विभाग के अनुसार इंदिरानगर, गोमती नगर और चिनहट के लगभग पांच लाख लोगों को कठौता से पानी दिया जाता है। झील को तीस क्यूसेक पानी की आवश्यता होती है। झील भरने के बाद ही जलापूर्ति सामान्य हो सकेगी। वहीं भरवारा झील से पानी की सप्लाई की जा रही है जो कि नाकाफी साबित हो रही है।

पानी समस्या को लेकर जाम-प्रदर्शन

सरोजनी नगर स्थित बेहसा गांव के लोगों ने गुरुवार को शहीद पथ रोड जाम कर जल संस्थान के खिलाफ प्रदर्शन किया। करीब घंटे भर चले जाम-प्रदर्शन की जानकारी पाकर पहुंचे सरोजनी नगर एसओ सुधीर सिंह ने जल संस्थान के अधिकारियों से बात कर जलापूर्ति चालू कराई। तब जाकर गांववासी शांत हुए। बेहसा गांव के सैकड़ों लोग महिलाओं और बच्चों सहित सुबह करीब दस बजे अचानक गांव के सामने शहीद पथ पर पहुंच गए और सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

वाटर टैक्स जमा न करने से कटा कनेक्शन

प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप था कि जल संस्थान ने गांव के बाहर टंकी बनवाकर वर्ष 2014 में उसे चालू किया लेकिन उनसे जलकर वर्ष 2013 से मांगा जा रहा है। उनका कहना था कि कई बार अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई, लेकिन अधिकारियों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। इसी वजह से गांव के लोगों ने जलकर नहीं जमा किया। जिसके चलते जल संस्थान ने गांव के लोगों को बिना बताए ही सप्ताह भर पहले उनके घरों की पानी की सप्लाई बंद कर दी। सप्लाई बंद होने से परेशान गांववासियों ने अधिकारियों से मिलकर इसकी शिकायत की। उनका कहना है कि शिकायत करने पर उन्हें जल्द आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन बावजूद जलापूर्ति नही चालू की गई। कई दिन बीतने के बाद भी जलापूर्ति चालू न होने से नाराज गांव वासियों ने रोड जाम कर प्रदर्शन किया।