लखनऊ (ब्यूरो)। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की शुरुआत 25 मई से होगी। इसके तहत प्रतियोगिताएं 3 जून तक चलेंगी। पूरी प्रतियोगिता में एलयू से महज दो ही खिलाड़ी भाग ले रही हैं, जो पोल वाल्ट और 3000 मीटर स्टेपल चेस में दूसरे खिलाडिय़ों को चुनौती देती नजर आएंगी। इनमें एक खिलाड़ी चंद्रभान गुप्त मेमोरियल कॉलेज बीकेटी की काजल शर्मा हैं और दूसरी रायबरेली की अर्चना सिंह हैं। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में एलयू का पार्टिसिपेशन चिंतनीय है। नैक में ए प्लस प्लस ग्रेडिंग, स्टूडेंट्स को 80 तरह के स्पोट्र्स खिलाने के बाद भी एलयू के पास दो ही मेडल होल्डर खिलाड़ी हैं, जो नेशनल लेवल के खेलों में यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व कर पा रहे हैं। हालांकि, एलयू के अधिकारियों का कहना है कि कई ऐसे स्पोट्र्स हैं, जिन्हें खेलो इंडिया से हटा दिया गया, जिसके कारण भी पार्टिसिपेशन कम हुआ है।

इस साल मेडल में आई कमी

बीते साल की तुलना में इस साल खिलाड़ी मेडल नहीं ला पाएं हैं। बीते साल ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एलयू ने गोल्ड, सिल्वर व ब्रोन्ज कैटेगरी में 18 मेडल जीते थे। खेलो इंडिया में एलयू को चार मेडल मिले थे, इसमें एक कुश्ती, दो बॉक्सिंग और एक स्टीपल चेस में काजल शर्मा ने जीता था, जबकि इस साल यूनिवर्सिटी के पास महज दो ही मेडल आए थे।

कई गेम्स हटाने से भी घटा पार्टिसिपेशन

एलयू के एथलेटिक्स संघ के चेयरमैन प्रो। रुपेश कुमार ने बताया कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स ने इस साल कई गेम्स हटा दिए हैं। खो-खो, फुटबॉल जैसे गेम्स शॉर्टलिस्ट कर दिए गए। इनकी हमारे पास अच्छी टीम है। इसके अलावा ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैम्पियशिप के दौरान कई खेल हुए ही नहीं। इसमें बाक्सिंग है, जिसमें हमारे पास कई इंडीविजुअल अच्छे प्लेयर थे। इसके अलावा टेबल टेनिस के प्लेयर्स सेमेस्टर एग्जाम क्लैश होने के कारण पार्टिसिपेट नहीं कर पाए। मल्लखंभ वाला स्टूडेंट बीमार पड़ गया था। इन सब कारणों से भी हमारा पार्टिसिपेशन पिछड़ा है।

एलयू से जुड़े हैं 5 हजार स्टूडेंट्स

एलयू स्टूडेंट्स को 80 तरह के गेम्स सिखाता है। प्रो। रुपेश कुमार ने बताया कि एलयू कैंपस और कॉलेज के करीब 5 हजार स्टूडेंट्स गेम्स सीखते हैं, जिनमें से 40 फीसदी स्टूडेंट्स कैंपस और 60 फीसदी स्टूडेंट्स बाकी कॉलेजेस के होते हैं। कई टीमों में प्लेयरों की अच्छी संख्या है। एथलेक्टिस में 50 के ऊपर प्लेयर्स हैं, रग्बी में 42 प्लेयर्स हैं, हॉकी, खो-खो, अमेरिकन फुटबॉल, क्रिकेट वगैरह में 16-16 प्लेयर्स हैं। उनका कहना है कि पार्टिसिपेशन के बाद हम लोग स्टूडेंट्स को बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइड कराने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। अभी हमारे पास जो इक्विपमेंट्स हैं, वे बहुत अपडेटेड नहीं हैं। बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए जो सुविधाएं जरूरी हैं, उनको बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ गेम्स में हमारी परफॉर्मेंस बहुत अच्छी नहीं रही है, उसको बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।

एक स्टूडेंट पर 8-10 हजार का खर्च

अधिकारियों का कहना है कि स्पोट्र्स में जो स्टूडेंट आता है उसको तैयार करने में कम से कम 6 हजार रुपये और ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें से एलयू के स्टूडेंट के लिए सिर्फ 100 रुपये में पूरी तैयारी कराई जाती है, जबकि कॉलेज के स्टूडेंट के लिए या तो कॉलेज या स्टूडेंट फीस और खर्च वहन करता है। उनका कहना है कि एक तरह से हम एलयू के स्टूडेंट्स को 100 रुपये में तैयार कर रहे हैं, इसका भार भी हम पर आता है। इस कारण भी स्टूडेंट्स को फैसिलिटी देने में दिक्कतें हो जाती हैं, जबकि प्राइवेट यूनिवर्सिटीज मोटी फीस लेकर स्टूडेंट्स को ज्यादा सुविधाएं देती हैं। एलयू स्टूडेंट्स के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने का प्रयास कर रहा है, इसमें कई सुधार भी हुए हैं।

यूपी से ये प्रमुख संस्थान ले रहे हिस्सा

-बीएचयू

-बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी

-रुहेलखंड यूनिवर्सिटी

-चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी

-राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी

-महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ