- सुबह से ही शराब की दुकानों पर लगी लंबी-लंबी कतारें, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

- शाम ढलते-ढलते दुकानों पर स्टॉक हुआ खत्म तो छंटी भीड़

LUCKNOW:

बैर कराते मंदिर-मस्जिद, मेल कराती मधुशालाकालजयी कवि हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित कविता की यह पंक्तियां राजधानी में सोमवार को उस वक्त तार-तार होती दिखीं जब 42 दिन बाद खुली शराब की दुकानों पर लोग मधुमक्खियों के झुंड की तरह टूट पड़े। दुकानों के खुलने के समय से कई घंटे पहले ही लंबी-लंबी कतारें देखी गई। वहीं, दुकान खुलते ही कई जगह लोगों के सब्र का बांध टूट पड़ा और पहले शराब खरीदने की जुगत में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। हालंाकि, हालात को काबू में करने के लिये पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें हल्का लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। पुलिस की सख्ती के बाद शराब के शौकीनों ने निश्चित दूरी को अपनाते हुए शराब की जमकर खरीद की।

सुबह से ही लग गई कतारें

लॉकडाउन 3.0 शुरू होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक शराब की एकल दुकानों को सुबह 10 से शाम 7 बजे तक खोलने की अनुमति दे दी थी। रविवार शाम हुई इस घोषणा का मानो शराब के शौकीन बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। लिहाजा, सोमवार सुबह 7 बजे से ही शराब की दुकानों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई। आलमबाग, नाका, राजाजीपुरम ई ब्लॉक, नरही, चिनहट, गोमतीनगर, इंदिरानगर में तो सुबह 10 बजते-बजते कतार की लंबाई आधा किलोमीटर को भी क्रॉस कर गई। शराब को लेकर बेकरारी का आलम यह था कि लोग बरमूडा-टीशर्ट, कुर्ता पजामा व नाइट सूट पहने ही कतार में लगे हुए थे।

शुरू हुई जमकर खरीद

नाका, राजाजीपुरम में शराब की दुकाने खुलते ही लोग शराब जल्द पाने की कोशिश में कतार तोड़कर आगे बढ़ गए। इसे लेकर खरीदारों में आपस में ही भिड़ंत हो गई। अनहोनी रोकने के लिये पहले से तैनात पुलिसकर्मियों ने पहले बीच-बचाव कर हालात को संभालने की कोशिश की। पर, न मानने पर पुलिस ने लाठियां भांजकर उपद्रव पर उतारू लोगों को खदेड़ा। इसके अलावा गोमतीनगर के ग्वारी, विकासनगर, अलीगंज आदि इलाकों में शराब खरीदने को लेकर धींगामुश्ती कर रहे लोगों को पुलिस ने फटकार कर काबू में किया। हालांकि, पुलिस के सख्त रुख अपनाने के बाद लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शराब की खरीदारी की।

पेटियों में बटोरी शराब

लॉकडाउन के दौरान शराब को तरसे लोगों ने दुकानें फिर से बंद होने की आशंका में जमकर खरीदारी की। शराब की दुकानों के सामने कोई पेटियां लेकर जाता दिखा तो कोई झोले में भरक कई-कई बोतलें। कई लोग तो कार की डिग्गी में भरकर बोतलें ले जाते दिखायी दिये। शाम चार बजे तक कमोबेश यही सिलसिला जारी रहा। इस भारी खरीदारी के चलते दुकानों में स्टॉक खत्म हो गया। जिसके बाद दुकानों में भीड़ छटी।

नहीं हुआ सब्र तो सड़क पर ही खोल दी बोतल

प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए शराब और बीयर खरीद कर अपने घर ले जा सकते हैं, दुकान या सड़क पर शराब या बीयर पीना पूरी तरह प्रतिबंधित है। बावजूद इसके इंदिरानगर के बी ब्लॉक स्थित आजाद मार्केट बीयर शॉप में लोग इस कदर बेकरार थे कि बीयर खरीदकर सड़क पर ही पीते रहे।

एसीपी ने सरकार के निर्णय पर उठाये सवाल

राजधानी में तैनात एसीपी अनिल कुमार ने ट्वीट कर सरकार के शराब की दुकानें खोलने के निर्णय पर सवाल उठाये हैं। एसीपी अनिल ने ट्वीट पर लिखा कि 'शराब की बिक्री पर तुरंत रोक लगायी जानी चाहिये40 दिन की मेहनत बर्बाद हो रही है.' उनके इस ट्वीट पर कई लोगों ने उनके समर्थन में अपने विचार रखे तो कई लोग सरकार के फैसले को सही बताने लगे। ट्वीट पर विवाद बढ़ता देख एसीपी अनिल ने अपना यह ट्वीट डिलीट कर दिया।