- जानकारी न होने से अस्पताल और घाट के चक्कर काट रहे लोग

- नगर निगम के जोन कार्यालयों से बनते हैं मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र

LUCKNOW

घाट से लेकर अस्पताल के लगा रहे चक्कर

आलमबाग निवासी शैलेंद्र कोरोना पीडि़त थे और एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। अब उनके फैमिली मेंबर्स मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए घाट से लेकर अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय से बनेगा।

किडनी की बीमारी के चलते हुई डेथ

बस्ती निवासी एक सीनियर सिटीजन की किडनी संबंधित बीमारी होने के चलते डेथ हो गई। उनका राजधानी के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। अब उनके फैमिली मेंबर्स भी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अस्पताल से लेकर घाट के चक्कर काट रहे हैं।

कोरोना या किसी अन्य बीमारी से मौत होने के बाद अब लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए खासा संघर्ष करना पड़ रहा है। परेशान लोग अस्पताल से लेकर घाट तक के चक्कर काट रहे हैं जबकि मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय से बनेगा। व्यवस्था का प्रचार प्रसार न होने के कारण अब लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

ये है व्यवस्था

नगर निगम कुल आठ जोन में बंटा हुआ है और हर एरिया में जोन कार्यालय भी हैं। पहले लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनते थे, लेकिन अब पिछले साल से इस व्यवस्था को बदल दिया गया है। अब संबंधित जोन कार्यालय से ही जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाते जाते हैं। इसके लिए अब नगर निगम मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं है।

ये है समस्या

दरअसल, ज्यादातर लोगों को अब भी यही जानकारी है कि निगम मुख्यालय से ही प्रमाण पत्र बन रहे हैं जबकि कई लोगों को यह जानकारी है कि घाट या अस्पताल से प्रमाण पत्र मिलता है। यह स्पष्ट है कि अगर किसी भी व्यक्ति की मौत अस्पताल, घर में होती है तो मृत्यु प्रमाण पत्र निगम के जोन कार्यालय से ही बनेगा। उदाहरण के लिए अगर व्यक्ति की मौत इंदिरानगर में हुई है तो जोन सात कार्यालय, अलीगंज में हुई है तो जोन तीन कार्यालय या आलमबाग में हुई है तो जोन पांच कार्यालय में आवेदन करके मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना होगा।

अस्पताल वाले नहीं बना रहे

ऑनलाइन व्यवस्था में साफ है कि अगर किसी व्यक्ति की मौत अस्पताल में हुई है तो अस्पताल प्रशासन की ओर से ऑनलाइन मोड से संबंधित व्यक्ति के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जा सकता है, जो सीधे नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय पहुंचेगा। यहां फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। हालांकि इस दिशा में अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है, इसकी वजह से लोग परेशान हो रहे हैं।

इस तरह करें आवेदन

अगर आपको मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना है तो सबसे पहले नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय जाएं, जहां आपको एक फॉर्म दिया जाएगा। उसमें मृतक की डिटेल के साथ आवेदन करने वाले को अपना नाम और पता भरना होगा। इसके साथ ही आवेदन फॉर्म के साथ मृतक की आईडी और आवेदन करने वाले को अपनी एक आईडी देनी होगी। साथ ही घाट से मिली पर्ची भी प्रूफ के तौर पर लगानी होगी। इसके बाद 24 से 48 घंटे के अंदर आवेदन के मोबाइल पर एक लिंक आ जाएगा, जिस पर क्लिक करके आवेदक कहीं से भी मृत्यु प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है। निगम अधिकारियों की मानें तो तुरंत मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन करने पर कोई शुल्क नहीं लगता है। मृत्यु से दो से तीन माह बाद आवेदन करने पर जरूर 50 रुपये तक लेट फीस लग सकती है।

सीआरएस पोर्टल पर करें आवेदन

अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना चाहता है तो वह सीआरएस पोर्टल (सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) के माध्यम से भी आवेदन कर सकता है। इस व्यवस्था से लगभग सभी अस्पताल भी जुड़ चुके हैं। हालांकि इस व्यवस्था का प्रचार प्रसार न होने की वजह से जनता को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।