लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई अब लिवर और उससे संबंधित बीमारियों को लेकर सुपर स्पेशलिस्ट भी तैयार करेगा। संस्थान द्वारा हेपेटोलॉजी विभाग के तहत डीएम कोर्स के लिए अप्लाई किया गया है। अधिकारी इसके तहत चार सीटें मिलने की संभावना जता रहे हैं। उनके मुताबिक, इस साल नहीं तो अगले साल से कोर्स शुरू हो जायेगा। ऐसे में लिवर संबंधित बीमारियों को लेकर रिसर्च से लेकर बेहतर ट्रीटमेंट का काम आसानी से हो सकेगा, जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा।

विभाग में तीन नई फैकल्टी

पीजीआई में लिवर संबंधी बीमारियों के लिए हेपेटोलॉजी विभाग दो वर्ष पूर्व ही खोला गया है। निदेशक प्रो। आरके धीमन के आने और उनके प्रयास के बाद इस विभाग को स्थापित किया गया है। हाल ही में विभाग ने अपने स्थापना के दो वर्ष पूरे किए हैं। ऐसे में अब विभाग में डीएम इन हेपेटोलॉजी कोर्स की शुरुआत होने जा रही है। निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि किसी भी संस्थान को चलाने के लिए तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं-पेशेंट केयर, टीचिंग एंड ट्रेनिंग और रिसर्च। हमारे यहां विभाग में तीन पर्मानेंट फैकल्टी आ गई हैं, जिसमें एचओडी प्रो। अमित गोयल, डॉ। अजय मिश्रा और डॉ। सुरेंद्र सिंह शामिल हैं। एनएमसी की जो गाइडलाइंस होती हैं, वे सभी पूरी हो चुकी हैं।

चार सीटों का होगा संचालन

निदेशक ने आगे बताया कि सुपर स्पेशलिस्ट तैयार करने के लिए संस्थान ने डीएम इन हेपेटोलॉजी कोर्स के लिए अप्लाई किया है। जिसके बाद हम लोग सुपर स्पेशलिस्ट भी तैयार कर सकेंगे। अगले साल से कोर्स की शुरुआत हो जायेगी, जिसके तहत हर साल के हिसाब से चार सीट मिलने की पूरी संभावना है। क्योंकि ऐसे में कोर्स संचालन में कोई दिक्कत नहीं आयेगी।

रिसर्च का काम होगा बेहतर

इसके अलावा फैकल्टी होने से रिसर्च पर और बेहतर काम हो सकेगा। खासतौर पर वायरल हेपेटाइटिस पर और बेहतर काम हो सकेगा। जिसके तहत रिसर्च में डीएनए और आरएनए का काम और वृहद तरीके से किया जा सकेगा ताकि लिवर संबंधी सभी बीमारियों का और बेहतर इलाज किया जा सकेगा। जिसका सीधा फायदा मरीजों के इलाज में मिलेगा।