- रंगयात्रा नाट्य समारोह में 'कोई है' नाटक का मंचन

LUCKNOW :

बेमानी और छल से कमाया गये धन से पुण्य का काम भी नहीं फलता। ऐसे में व्यक्ति को ऐसी कमायी से बचना चाहिए। कुछ ऐसा ही संदेश रंगयात्रा नाट्य समारोह के तीसरे दिन राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित नाटक 'कोई है' के माध्यम से कलाकारों ने दिया। मंगलवार को प्रदीप तिवारी के लिखे नाटक का मंचन प्रतीक्षा रंगमंडल की ओर से किया गया। जिसका रूपांतरण विनोद मिश्रा व निर्देशन विवेक मिश्रा विष्णु ने किया।

नाटक की कहानी प्रशासन के एक आला अधिकारी मिस्टर सिन्हा और उनकी पत्नी कोमल के इर्द घूमती है। मिस्टर सिन्हा ने भ्रष्टाचार करके पैसे तो खूब कमाये, लेकिन विवाह के कई साल गुजर जाने के बाद भी वो संतान नहीं पा सके। जिससे पति पत्नी के बीच झगड़े होने लगते है। मिस्टर सिन्हा और उनकी पत्नी कोमल एक ठेकेदार के कहने पर एक बाबा के पास जाते हैं और कई बार पूजा करने के बाद भी उन्हें कोई फायदा नहीं होता। दोनों पति पत्नी बाबा से फायदा न मिलने पर बाबा से नाराज होकर उन्हें बुरा भला कहने लगते हैं। मगर ठेकेदार के कहने पर अंतिम बार बाबा के पास जाते है जहां बाबा कहते हैं कि आज तक उनकी पूजा का असर इसलिए नहीं हुआ क्योंकि पूजा के जिए जो प्रसाद आता है वो भ्रष्ट तरीके से कमाये धन का होता है। इस कारण फायदा नहीं हो रहा है। मिस्टर सिन्हा की आंखे खुल जाती हैं और वो ईमानदारी से काम करने की कसम खा लेते हैं। नाटक में शुभम पांडेय, तान्या सूरी, जीतेंद्र मिश्रा समेत कई लोगों ने अभिनय किया।