लखनऊ (ब्यूरो)। होली अबीर-गुलाल से ही खेलें। गीली होली खेलने से बचना बेहतर होगा। जिन लोगों से अधिक जान-पहचान नहीं है, उनके साथ होली न खेलें। अगर किसी को सर्दी, जुकाम या हल्का बुखार है तो उससे दूरी बनाकर रखें। बलरामपुर हॉस्पिटल के सीनियर चेस्ट फिजिशयन डॉ। एके गुप्ता ने बताया कि इस समय मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में जो सांस के रोगी हैं, वे सूखी होली खेलें। गीले रंग से होली खेलने से सांस फूलने की समस्या हो सकती है। होली के जोश में इनहेलर लेने वाले लोग इसे लेना न भूलें।

हर्बल रंगों से होली खेलें
केजीएमयू की स्किन विभाग की एचओडी डॉ। स्वस्तिका ने बताया कि रंग खेलने से पहले शरीर और बालों में तेल लगाना न भूलें। ऐसा करने से रंग स्किन पर चिपकेगा नहीं और त्वचा पूरी तरह सेफ रहेगी। बच्चे मना करने के बाद भी गीली होली खेलते हैं। ऐसे में बच्चों को वॉटर प्रूफ सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। रंग खेलने से पहले बच्चों के बाल बांध दें और उनके नाखून काट दें। प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलें और रंग खेलने के बाद किसी तरह की दिक्कत आती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आंखों का रखें खास ध्यान
केजीएमयू में आई विभाग के डॉ। संजीव कुमार गुप्ता के मुताबिक, रंग खेलने से पहले आंखों के आसपास नारियल का तेल अथवा क्रीम लगाएं। जहरीले रासायनिक रंगों का प्रयोग न करें। बाजार में उपलब्ध अधिकांश रंगों में मरकरी, लेड जैसे हानिकारक रसायन होते हैं, जो आंखों में जलन, लाली तथा दृष्टि के स्थाई नुकसान जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं। कांटेक्ट लेंस न पहनें तथा सुरक्षात्मक चश्मा अथवा धूप के चश्मे का प्रयोग जरूर करें। रंग भरे गुब्बारों का प्रयोग न करें क्योंकि गुब्बारा आंख में लगने पर आंख का पर्दा क्षतिग्रस्त हो सकता है।

हो सकता है आंखों का संक्रमण
रंग खेलने के दौरान अपने चेहरे तथा आंखों को छूने से बचें। ऐसा करके आंखों को संक्रमण से बचा जा सकता है। यदि आंखों में रंग चला जाता है तो अपनी आंखों को न रगड़ें अन्यथा पुतली पर खरोच आ सकती है। जिससे आंखों में संक्रमण या पुतली का संक्रमण भी हो सकता है। आंखों में रंग चले जाने पर साफ पानी से आंखों को धुलें। समस्या या संक्रमण होने पर स्वयं इलाज न करें। आंख में रंग चले जाने पर नेत्र चिकित्सक की सलाह से ही इलाज करें।

होली पर रखें ध्यान
- सांस के रोगी इनहेलर व दवा लेते रहें
- परिवार के साथ ही खेलें होली
- बड़े ग्रुप में होली खेलने से बचें
- प्राकृतिक रंगों से खेले होली
- शरीर और बालों पर लगाएं तेल
- किसी को बुखार, खांसी तो उससे दूरी बनाकर रखें
- ज्यादा देर तक गीली होली न खेलें