लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां हुसैनाबाद ट्रस्ट के अंतर्गत आने वाले एरिया को डेवलप करने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैैं, वहीं दूसरी तरफ आलम यह है कि यहां पर सिर्फ और सिर्फ बदहाली के निशां नजर आ रहे हैं। कभी बेहद खूबसूरत माने जाने वाले इस एरिया पर फिलहाल बदहाली और जिम्मेदारों की लापरवाही का ग्रहण लग चुका है।

ग्रेनाइट दीवार टूटी

सतखंडा पार्क की बात करें तो इस पार्क की एक दीवार पूरी तरह से टूट चुकी है। ये दीवार ग्रेनाइट से बनी हुई थी, फिलहाल अब दीवार के अवशेष नजर आ रहे हैं। आलम यह है कि बदहाली के कारण लोग इस पार्क में जाने से कतराने लगे हैैं।

पोल टूटे, लाइट्स गायब

इस इलाके में करीब 300 से अधिक विक्टोरिया लाइट्स लगी हैैं, जिसमें से 50 से अधिक या तो खराब है या लापता हो चुकी हैैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिम्मेदारों की नजर इन पर अभी तक नहीं पड़ी है। कमोवेश यही स्थिति यहां पर लगे झूलों की भी है। झूले भी लापता हो गए हैैं और इतना जरूर है कि उनके लगे होने के निशां यहां पर देखे जा सकते हैं।

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मंडलायुक्त से बोले लोग, रोड पर बहुत गड्ढे हैैं

नगर निगम के विस्तारित 88 गांवों में से एक दयाल रेजीडेंसी कालोनी के नागरिकों ने मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब को नाले और नालियों के निर्माण, सीवर लाइन और गड्ढ़ेयुक्त सड़कों के निर्माण के लिए ज्ञापन सौंपा।घनी आबादी वाले इस इलाके में लंबे समय से समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। लोगों ने उन्हें बताया कि अयोध्या रोड स्थित बीबीडी विश्विद्यालय चिनहट के पास बसी इस कॉलोनी में पब्लिक सुविधाओं का अभाव है। यहां 1700 प्लॉट हैं, उनमें से लगभग 1300 मकान बन चुके हैं। लगभग 12000 लोगों की बड़ी आबादी यहां रहती है। लोगों ने बताया कि हर साल बारिश में ये कॉलोनी टापू बन जाती है। समस्याओं को दूर करने के लिए कई बार मांग की गई लेकिन अभी तक समस्याएं जस की तस बनी हुई हैैं।