लखनऊ (ब्यूरो)। चोरी, डकैती, हत्या समेत अन्य संगीन अपराधों को सुलझाने में स्निफर डॉग्स का भी एक बड़ा योगदान रहता है। अधिकतर केसों में पुलिस इन स्निफर्स से केस को सुलझाने में मदद लेती है, ताकि केस में जल्द खुलासा हो सके, लेकिन हैरानी की बात है कि पुलिस विभाग के पास महज तीन ही ट्रैकर स्निफर डॉग्स हैं। इनकी संख्या कम होने की वजह से कई बार पुुलिस घटनास्थल पर इनको नहीं ले जा पाती है। इससे केसों का सुलझाना कई बार चुनौती बन जाता है। इसे देखते हुए अब पुलिस विभाग तीन से चार और स्नीफर्स को शामिल करने की तैयारी कर रहा है, ताकि अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके। पढ़ें अमित गुप्ता की रिपोर्ट

विभाग के पास 9 स्निफर्स डॉग्स

पुलिस लाइन स्थित डॉग स्क्वायड में वर्तमान में कुल 9 स्निफर डॉग्स हैं। इनमें 3 ट्रैकर, 1 नारकोटिक्स, 1 हाईकोर्ट सुरक्षा, 2 सचिवालय सुरक्षा और 2 सीएम सुरक्षा में तैनात हैं। शहर में किसी भी बड़ी वारदात में ट्रैकर स्निफर्स का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। अगर यह डॉग तत्काल घटनास्थल पर पहुंचता है तो आरोपियों के बारे में कई बार अहम सुराग दे देता है। पर जब घटनास्थल पर पहुंचने में लेटलतीफी होती है तो सुराग मिल पाना मुश्किल हो जाता है। जिसकी वजह से केस को इंवेस्टिगेट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर इनमें कुछ और डॉग्स शामिल हो जाएं तो पुलिस को केस सुलझाने में काफी मदद मिलेगी।

उत्कल ने सुलझाए दर्जनों केस

बता दें कि सबसे कम उम्र की फिमेल स्निफर डॉली है, जिसकी उम्र महज 5 साल है। सबसे ज्यादा उम्र की उत्कल है, इसकी उम्र 12 साल है। अधिकारियों ने बताया कि उत्कल अबतक हजारों घटनास्थलों पर जा चुका है, जिसमें उसने सैकड़ों केसों को सुलझाने में मदद की है। एक खास केस का जिक्र करते हुए अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2020 में बंथरा थाना क्षेत्र के अंर्तगत एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी। पुलिस उत्कल को मौके पर ले गई और उसने फौरन हत्यारे को पकड़कर केस सुलझा दिया।

ऐसे मानते हैं अपने ट्रेनर की बात

इन डॉग्स की खास बात यह है कि ये सिर्फ अपने ट्रेनिंग मास्टर का ही ऑर्डर मानते हैं। अगर कोई और इन्हें कमांड देता है तो ये प्रतिक्रिया नहीं करते। इनकी ट्रेनिंग करीब 10 महीने में पूरी होती है। खास बात यह है कि इन स्निफर के लिए पुलिस लाइन में अलग-अलग कैनाल भी बने हैं, जहां ये आराम करते हैं। इनके लिए एक स्पेशल कुक भी अप्वाइंट किया गया है, जोकि इनके लिए खाने की व्यवस्था करता है। ट्रेनर ने बताया कि इन्हें दिनभर में दो बार खाना दिया जाता है। उनके डाइट चार्ट की पालना की जाती है।

इनकी लगती है रोजाना ड्यूटी

शहर के अलग-अलग वीआईपी एरिया में इन स्निफर डॉग्स की बाकायदा ड्यूटी लगाई जाती है। इनमें हाईकोर्ट, सीएम सुरक्षा, सचिवालय समेत कई वीआईपी रूटों पर इन्हें तैनात किया जाता है। इसके अलावा शहर के आपराधिक स्पॉट्स पर भी इनकी जरूरत पड़ती है। साथ ही नारकोटिक्स केस में भी इनको ले जाया जाता है।

स्निफर्स का डाइट चार्ट प्लान

600 एमएल दूध

250 ग्राम सब्जी

600 ग्राम मीट

475 ग्राम आटे की रोटी

02 अंडा

यह भी जानिए

- 10 से 12 साल की उम्र तक बूढ़े होने लगते हैं स्निफर्स

- 14 साल तक ली जाती है इनसे सेवाएं

- 05 फीमेल और 4 मेल स्निफर्स हैं

कहां किसकी ड्यूटी

स्निफर्स प्रजाति नाम ड्यूटी

जर्मन शेफर्ड उत्कल ट्रैकर

डाबरमैन बेनी ट्रैकर

डाबरमैन माइकल ट्रैकर

डाबरमैन डाली नारकोटिक्स

जर्मन शेफर्ड क्वीटी हाईकोर्ट सुरक्षा

लेब्राडोर एडगर सचिवालय

डाबरमैन उक्कार सचिवालय

लेब्राडोर उफान सीएम सुरक्षा

लेब्राडोर ओकिना सीएम सुरक्षा

सभी स्निफर्स की अपनी-अपनी ड्यूटी है। इसके अलावा जब कोई वारदात होती है तो घटनास्थल पर ट्रैकर स्निफर को भेजा जाता है, कई बार केसों को सुलझाने में इन स्निफर्स का अहम योगदान रहता है।

-रईस अख्तर, डीसीपी, पुलिस लाइन