लखनऊ (ब्यूरो)। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक दलित छात्रा ने अपने एचओडी पर शारीरिक और मानसिक शोषण का आरोप लगाया है। छात्रा ने इसकी शिकायत वीसी से लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, प्रॉक्टर और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग से भी की है। वहीं इस मामले को लेकर दलित स्टूडेंट्स में काफी आक्रोश है। वहीं इस मामले की यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और मामले को विशाखा गाइडलाइन के तहत बनी कमेटी को भेज दिया है।

सिगरेट और बियर पीने को कहा

लॉ विभाग के एलएलएम फस्र्ट सेमेस्टर में पढऩे वाली छात्रा का आरोप है कि उसकी तबीयत 19 अप्रैल को खराब हुई, वह घर जाना चाहती थी। हॉस्टल छोडऩे के लिए वह प्रार्थनपत्र लेकर एचओडी के पास साइन कराने गई। एचओडी ने खुद हॉस्टल आने की बात कही। वह जब हॉस्टल आए तो पीडि़ता साइन कराने के लिए उनकी कार में बैठ गई। उसके बैठते ही एचओडी ने कार चला दी और चलती कार में ही उसे सिगरेट और बीयर पीने पर विवश किया। यही नहीं, विरोध करने पर प्रोफेसर ने सिगरेट का धुआं उसके मुंह पर फूंका और अश्लील हरकतें शुरू कर दीं।

फिर दी धमकी

इसके बाद प्रोफेसर पीडि़ता को तरह-तरह के प्रलोभन देते रहे और वापस हॉस्टल छोड़ते समय बोले, अगर इस बारे में किसी को कुछ भी बताया तो तुम्हारा जीवन बर्बाद कर दूंगा। पीडि़ता ने इसके बाद इसकी जानकारी अपने माता-पिता को दी और लॉ डिपार्टमेंट को भी सूचित किया। इसके बाद भी प्रोफेसर पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

प्रोफेसर को बचाने का आरोप

इस पूरे मामले में दलित छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को लिखित शिकायत दिए तीन दिन हो गए हैं। वीसी प्रोफेसर को बचाने में लगे हैं। अगर यह मामला दलित प्रोफेसर का होता तो सभी सवर्ण प्रोफेसर उनके खिलाफ एकजुट हो जाते।

आंंतरिक शिकायत समिति को सौंपी जांच

बीबीएयू के प्रवक्ता प्रो। गोपाल सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी होने के बाद वीसी प्रो। संजय सिंह के निर्देश पर विशाखा गाइड लाइन के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आंतरिक शिकायत समिति को पूरा मामला सौंप दिया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।