लखनऊ (ब्यूरो)। माहे रमजान में रोजा रखना बड़ी सुन्नत का काम माना जाता है। साथ ही, सहरी और इफ्तारी में खाई जाने वाली चीजों का भी अपना महत्व होता है। इस्लाम में खजूर की अपनी खास अहमियत होती है। रोजा खजूर से खोलना बड़ी सुन्नत बताया गया है। राजधानी में भी जगह-जगह खजूर की दुकानें सज गई हैं, जहां इरान, इराक, सउदी, जार्डन आदि से खजूर आ रहे हैं, जो 100 रुपये से लेकर हजारों रुपये किलो में मिल रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि खजूर में कई पोषक तत्व भी होते हैं, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद साबित होते हैं।

खजूर सबसे पसंदीदा फल

शहर काजी मौलाना इरफान मियां फिरंगी महली के मुताबिक, इस्लाम में खजूर का विशेष महत्व है। खजूर पैगंबर मुहम्मद साहब का पसंदीदा फल है। खजूर को अगर दुनिया का सबसे सेहतमंद फल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। खजूर को खुश्क मेवा भी कहा जाता है, जो स्वाद में मीठा और दिलकश होता है। रमजान उल मुबारक में खजूर से रोजा खोलना अफजल बताया गया है। तमाम बरकतों वाले खजूर में तमाम जिस्मानी ताकत का खजाना मिलता है।

ताजा खजूर से करते थे इफ्तार

मौलाना ने आगे कहा कि रसूल अल्लाह पकी हुई ताजा खजूर से रोजा इफ्तार करते थे। अगर खजूर उपलब्ध न हो तो पानी और सत्तू से ही रोजा इफ्तार कर लिया करते थे। वहीं दूसरी ओर, वैज्ञानिकों का भी मानना है कि खजूर दुनिया का ऐसा अकेला फल है, जिसके सेवन से व्यक्ति सेहतमंद रहता है। अरबी भाषा में खजूर को नख्ल कहते हैं। अरब के आसपास के देशों में खजूर को कई नामों से जाना जाता है। कुरान शरीफ में अल्लाह ने उन अहसानों और मेहरबानियों का जिक्र किया है, जो उन्होंने फलों की शक्ल में हम को दी हैं। उन फलों में अंगूर और अनार का जिक्र बार-बार किया है। इसमें खजूर फल का जिक्र 20 बार किया है।

सेहत का खजाना है खजूर

पीजीआई में डायटिशियन डॉ। शिल्पी पांडे बताती हैं कि खजूर में फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, कॉपर, विटामिन, प्रोटीन और आयरन पाया जाता है, जो दिल, हड्डी और पाचन आदि के लिए अच्छा होता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट भी होता है। खजूर में नेचुरल मिठास ज्यादा होती है, जो सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होती। यह मीठा खाने की चाहत को भी कम करता है। इसका सेवन बहुत फायदेमंद है।

मार्केट में तरह-तरह के खजूर

रमजान के मद्देनजर मार्केट में कई तरह के खजूर मिल रहे हैं। भारत में खजूर इरान, इराक, जॉर्डन, सउदी आदि देशों से आता है। इसकी सबसे बड़ी मार्केट मुंबई में है, जहां से पूरे देश में सप्लाई होती है। ठाकुरगंज में खजूर विक्रेता सुहैल बताते हैं कि रमजान में खजूर की डिमांड काफी बढ़ गई है। 100 रुपये से लेकर हजारों की कीमत वाले खजूर आ रहे हैं। इसबार खजूर के दामों में 50-100 रुपये तक की कमी भी आई है। इरान-इराक का नार्मल खजूर 100 रुपये किलो, इराक का कीमिया खजूर 240 रुपये किलो तक मिल रहा है। वहीं, मदीने के मशहूर अजवा खजूर की काफी डिमांड है, जो 1200 रुपये और अच्छी क्वालिटी वाला 2000 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा है।

सूखे मेवों की भी मांग बढ़ी

रमजान को लेकर सूखे मेवे की भी मांग बढ़ गई है। जहां साबुत अखरोट 700-750 रुपये किला, काजू 700-750 रुपये किलो, बादाम 750-800 रुपये किलो और चिरौंजी 2 हजार रुपये किलो तक मिल रही है। दुकानदार असलम बताते हैं कि इसबार सूखे मेवों के दामों में थोड़ी तेजी देखने को मिल रही है।

तरह-तरह के मिल रहे खजूर

खजूर दाम

कीमिया 240 रुपये

आफिया 250 रुपये

सुकी 400 रुपये

मरियम 500 रुपये

कलमी 800 रुपये

अंबर 1000 रुपये

मगरूम 1150 रुपये

अजवा 2000 रुपये

नोट-दाम प्रति किलो के हिसाब से।