लखनऊ (ब्यूरो)। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने तमाम मुसलमानों से अपील की है कि 29 रमजानुल मुबारक (1 मई) को ईद-उल-फित्र का चांद देखने का खास इहतिमाम करें। चांद देख कर मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल लखनऊ को शहदतें दें। दूसरी ओर शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद सैफ अब्बास नकवी ने लोगों से अपील की है कि 1 मई को शव्वाल का चांद देखने की कोशिश करें। अगर चांद दिखाई देता है तो इसकी जानकारी दें।

सुन्नी सवाल-जवाब

सवाल: सोने पर क्या हर वर्ष जकात फर्ज है?

जवाब: सोना अगर निसाब के बराबर है, तो हर वर्ष जकात अदा करना जरूरी है।

सवाल: क्या फित्र की रकम शहर से बाहर भेजी जा सकती है?

जवाब: अगर शहर से बाहर ज्यादा हकदार हैं, तो रकम भेजी जा सकती है।

सवाल: अगर चार रकआत वाली नमाज की दो रकातें जमाअत की छूट जायें, तो किस तरह पढें़?

जवाब: छूटी हुई दोनों रकातों को सूरह फातिहा के बाद कोई दूसरी सूरत मिलाकर पढ़ेें।

सवाल: किसी शख्स ने मुझ से कर्ज मांगा और मुझे मालूम है कि वह इतना गरीब है कि कभी अदा नहीं कर सकेगा। मैंने उसको रकम देकर दिल में जकात की नियत कर ली, तो किया जकात अदा हो जायेगी?

जवाब: आप की जकात अदा हो जायेगी। चाहे वह अपने दिल में यह समझे कि मुझे कर्ज दिया है।

सवाल: ईद की नमाज से पहले नफल नमाज पढऩा कैसा है?

जवाब: ईद की नमाज से पहले नमाज पढऩा मकरूह है।

शिया सवाल-जवाब

सवाल: क्या फितरा हर एक व्यक्ति पर अनिवार्य है?

जवाब: फितरा उस व्यक्ति पर अनिवार्य होता है जो अपना और अपने परिवार के सभी सदस्य के पूरे वर्ष का खर्च रखता हो।

सवाल: क्या अलविदा जुमा के दोनों खुतबों को सुनना अनिवार्य है?

जवाब: बेहतर है कि नमाजे जुमा के दोनों खुतबों को सुना जाए।

सवाल: एतेकाफ में क्या-क्या अनिवार्य है?

जवाब: एतेकाफ में रहने के लिए निम्न चीजें अनिवार्य है जैसे-ईमान होना, अकलमंद होना, नियत, रोजा रखना, तीन रोजे से कम ना हो।

सवाल: अगर कोई व्यक्ति कर्जदार है और वह उसे अदा नहीं कर पा रहा है, तो क्या जकात ले सकता है?

जवाब: कर्जदार व्यक्ति पूरे वर्ष का खर्च रखने के बावजूद भी कर्ज अदा करने के लिए जकात का माल ले सकता है।

सवाल: फितरा निकालने का समय क्या है?

जवाब: फितरा ईद की रात से लेकर ईद के दिन जोहर के समय से पहले तक निकालना चाहिए।