100 करोड़ क्लब के कोई मायने नहीं
अभिनव ने कहा कि क्रिटिक्स क्या कहते हैं और क्या नहीं? इसका कोई मायने नहीं है। वह भी इंसान हैं। जब उन्हें अच्छा 'ऑफरÓ दिया जाता है तो फिल्म अच्छी हो जाती है। ऑफर नहीं मिला तो फिल्म डिब्बाबंद। अब तो मीडिया ने एक नई टेंडेंसी पैदा कर दी है। 100 करोड़ का क्लब ही बना दिया है। अब इससे यह तय नहीं किया जा सकता है कि 100 करोड़ का आंकड़ा पार करने वाली फिल्म ही हिट होगी। यहां भी भेड़चाल है।
भले ही फिल्म में देखने लायक कुछ न हों
जहां दर्शक यह सुनते हैं कि तीन दिन में ही फिल्म ने 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है तो वे फिल्म देखने पहुंच जाते हैं। भले ही फिल्म में देखने लायक कुछ न हों। कुछ फिल्में ऐसी भी होती हैं जो करोड़ों का आंकड़ा पार नहीं कर पाती लेकिन दर्शकों को वह पसंद आती है। उनके भाई अनुराग कश्यप की फिल्म का ही उदाहरण लें तो उनकी फिल्म भी 60-70 करोड़ तक ही पहुंचती है। लेकिन आज की डेट में वह भी फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम है। बेशरम ने भी 60 करोड़ का आंकड़ा पार किया था।
Established actress के पास नहीं था वक्त
बेशरम में लीड रोल निभाने वाली पल्लवी शारदा ऑस्ट्रेलिया में पली-बढ़ीं। उनके टेलेंट को देखते हुए यह रोल दिया गया था। उस समय किसी बड़ी एक्ट्रेस के पास वक्त नहीं था। फिल्म शुरू करनी थी। ढेर सारी लड़कियों का ऑडीशन लिया गया। लेकिन मेरिट के बेस पर उन्हें ही चुना गया।
टीवी है स्टेट पॉलिटिक्स
अभिनव ने सधे अंदाज में कहा कि 15 साल उन्होंने टीवी पर काम किया है। टीवी स्टेट पॉलिटिक्स है और फिल्म सेंट्रल पॉलिटिक्स। अब वह सेंट्रल पॉलिटिक्स का हिस्सा हैं। उन्हें टीवी से कोई परहेज नहीं है लेकिन फिलहाल वह टीवी पर कोई शो नहीं करने जा रहे हैं।
रिएक्शन का है इंतजार
पूरे देश में बेशरम के 62 लाख टिकट बिके थे। अब हम फ्री में दर्शकों को यह फिल्म दिखाएंगे। अभी तक उनकी किसी फिल्म का वल्र्ड टेलीविजन प्रीमियर नहीं हुआ है। उम्मीद है कि देश भर के 20 करोड़ लोग जिनके पास केबिल कनेक्शन हैं। वह इस फिल्म को पसंद करेंगे।
अनुराग से छुड़ाना चाहता हूं पीछा
मजाकिए लहजे में अभिनव ने कहा कि वह अपने भाई अनुराग कश्यप से पीछा छुड़ाना चाहता है। 35 साल से साथ ही हैं उनके। दबंग 2 के बारे में अभिनव ने कहा कि उन्होंने दबंग 2 में काम करने से इनकार कर दिया था। प्रोड््यूसर को इसका एसएमएस भी भेज दिया था। वजह थी कि इसमें नया करने के लिए कुछ था ही नहीं। ऐसा महसूस हो रहा था कि वह कोई एपीसोड बना रहे हैं। सीक्वल केवल पैसा कमाने का जरिया बन गया है। केवल हिट फिल्म के नाम पर ही कुछ हफ्ते फिल्म चल जाती है।