लखनऊ (ब्यूरो)। दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर होना चाहिए। बार-बार गर्भधारण की वजह से इम्युनिटी कमजोर होती है, संक्रमण का रिस्क और शरीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। ऐसे में सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है। यह जानकारी केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ। एसपी जायवार ने शुक्रवार को केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में यूपीकॉन के आयोजन के दौरान दी। इसका आयोजन ऑब्स्टेट्रिक एंड गायनकोलॉजिस्ट सोसाइटी और गायनी एकेडमिक वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा किया गया।

35 तक मां बनने का बेहतर समय

यूपीकॉन की आयोजक सचिव डॉ। प्रीति कुमार का कहना है कि शादी में देरी बांझपन की बड़ी वजह बन गई है। करियर बनाने के लिए युवतियां देरी से शादी कर रही हैं। शादी और मां बनने की सबसे अच्छी उम्र 20 से 25 साल है। 26 से 30 साल भी अच्छी उम्र मानी जाती है। 35 की उम्र तक मां बनने का अच्छा समय है। इससे बाद गर्भधारण करने में अड़चन आती है। तमाम तरह की परेशारियां घेर लेती हैं। बांझपन के खतरों से बचने के लिए सही समय पर शादी करें।

पौष्टिक भोजन जरूर लें

कान्फ्रेंस की चेयरपर्सन डॉ। चंद्रावती ने बताया कि अनियमित जीवनशैली, असंतुलित खानपान व भोजन में पोषक तत्वों की कमी भी बांझपन की समस्या में वृद्धि की वजह है। लिहाजा खानपान दुरुस्त रखना चाहिए। भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल आदि के सेवन करना चाहिए, इससे शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते रहते हैं।

एक बार में ज्यादा खाने से बचें

महाराष्ट्र की डॉ। पूनम शिवकुमार ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान खानपान का खास ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान कुछ-कुछ अंतराल पर भोजन करना गर्भवती और गर्भस्थ शिशु के लिए फायदेमंद है। एक समय में ज्यादा भोजन करने से बचें। गर्भावस्था में एक्टिव रहने की जरूरत है। ज्यादा आराम करने से बचना चाहिए। हालांकि, गर्भावस्था में कुछ दिक्कत होने पर महिलाओं को आराम करने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर की सलाह पर समय-समय पर जांच करवाते रहना चाहिए।