- शहर कितना रहने लायक विषय पर चल रही परीक्षा का मामला

- पब्लिक फीडबैक से तय होगी सर्वे के रिजल्ट की दिशा

LUCKNOW: शहर कितना रहने लायक विषय पर शुरू हुई परीक्षा में जहां सड़क, सफाई को लेकर पब्लिक के फीडबैक के बहुत बेहतर नहीं रहने की संभावना है, वहीं दूसरी तरफ हेल्थ, शिक्षा समेत कई अन्य बिंदुओं पर शहर की स्थिति जरूर मजबूत होगी। हालांकि सही तस्वीर सर्वे के रिजल्ट सामने आने के बाद आएगी।

इन बिंदुओं पर देना है फीडबैक

स्वच्छता सर्वेक्षण की तर्ज पर शुरू हुई इस परीक्षा में 14 कैटेगरी रखी गई हैं। हर बिंदु के अंक निर्धारित हैं। आपके द्वारा दिए जाने वाले फीडबैक के आधार पर स्कोरिंग होगी। बाद में फाइनल स्कोर को जोड़कर रैंकिंग जारी की जाएगी।

ये हैं कैटेगरी

1- शिक्षा

2- स्वास्थ्य

3- आवास और आश्रय

4- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट

5- मोबिलिटी

6- सुरक्षा और संरक्षा

7- मनोरंजन

8- आर्थिक विकास

9- आर्थिक अवसर

10- गिनी गुणांक

11- पर्यावरण

12- रिक्त स्थान और भवन

13- ऊर्जा की खपत

14- शहर का लचीलापन

यह है परीक्षा

शहरों के लिए ईज ऑफ लिविंग सूचकांक पर पहला फ्रेमवर्क जून 2017 में लांच किया गया था। आवासन और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2018 में ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स विकसित किया। अब व्यापक मूल्यांकन फ्रेमवर्क 2019 लांच करके अगले स्तर पर ले जाया गया है।

फीडबैक दे सकता झटका

सर्वे में शामिल दो से तीन बिंदु ऐसे हैं, जिसमें पब्लिक का फीडबैक निगेटिव हो सकता है। हालांकि निगम प्रशासन को उम्मीद है कि बेहतर रिजल्ट सामने आएगा।

ये हैं बिंदु

1-सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट

शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को बेहतर बनाने के लिए कवायद तो हो रही है लेकिन स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ ही कूड़ा परिवहन को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं।

2-सड़क

कई ऐसे इलाके हैं, जहां सड़क की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कई सड़क तो ऐसी हैं, जो पूरी तरह से गढ्डों में तब्दील हो चुकी हैं। जाहिर सी बात है कि जब जनता उक्त सड़क से गुजरेगी तो फीडबैक बहुत बेहतर नहीं होगा।

फीडबैक को लेकर जागरुक

सर्वे में बेहतर अंक हासिल करने के लिए निगम प्रशासन की ओर से पब्लिक फीडबैक पर खासा फोकस किया जा रहा है। डिफेंस एक्सपो के समाप्त होने के बाद निगम प्रशासन का पूरा फोकस पब्लिक फीडबैक पर किया जाएगा। उधर, निगम प्रशासन 14 फरवरी से पहले-पहले सभी विभागों का डेटा कलेक्ट करने में जुट गया है। इसकी वजह यह है कि डेटा कलेक्शन बिंदु में भी अंक निर्धारित हैं।