- एसटीएफ ने चार लोगों को दबोचा, फर्जी नियुक्ति पत्र भी देते थे आरोपित

LUCKNOW: एसटीएफ ने नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का राजफाश किया है। आरोपित फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगार युवकों से मोटी रकम वसूलते थे। एसटीएफ के मुताबिक आरोपितों के पास से कूटरचित दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

वेबसाइट चेक करते रहते थे

एसटीएफ में सीओ अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले कुछ समय से गिरोह के बारे में जानकारी मिल रही थी। आरोपित डाक विभाग, सेना, एफसीआइ, रेलवे व बैंकों में नौकरी दिलाने का दावा करते थे। पड़ताल के दौरान बलिया निवासी मिथिलेश राजभर, महाराजगंज निवासी महेश सिंह, कुशीनगर निवासी रितेश श्रीवास्तव और दुबग्गा निवासी विपिन कुमार को गिरफ्तार किया गया। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह इंटरनेट पर सरकारी विभागों की वेबसाइट चेक करते रहते थे। भर्ती निकलने पर आरोपित अभ्यर्थियों को विज्ञापन भेजकर उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। इसके बाद विभाग के अनुसार रुपये की मांग करते थे। रुपये मिलने पर अभ्यर्थियों को फर्जी भर्ती लेटर दे देते थे। गिरोह ने पूछताछ में अब तक 80 से 90 युवकों से ठगी की बात कबूल की है। आरोपितों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआइआर दर्ज है। आरोपितों के पास से बड़ी संख्या में रेलवे, डाक विभाग, भारतीय सेना, एफसीआइ व यूपी पुलिस में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किया गया है।

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ठगी करने बाद बनाया बंधक

गोमतीनगर में वरदान खंड स्थित गारमेंट कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर अंबेडकर नगर निवासी राम रतन से आरोपितों ने रुपये हड़प लिए। आरोप है कि उन्हें बंधक भी बनाया गया। पीडि़त ने गोमतीनगर विस्तार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रामरतन के मुताबिक बलिया निवासी उनके परिचित दीपू राजभर ने फोन कर नौकरी दिलाने के लिए बुलाया था। दीपू ने लवकुश शुक्ला नाम के युवक से मुलाकात कराई। लवकुश ने खुद को कंपनी का कर्मचारी बताया। इसके बाद राम रतन व अन्य लोगों से ट्रेनिंग के नाम पर नौ हजार रुपये लिए। बाद में सभी के फोन भी जब्त कर लिए। पीडि़त के विरोध करने पर उसे बंधक बना लिया।

प्लाट के नाम पर पांच लाख ठगे

आरके टिंबर गोमतीनगर में रहने वाले रेहान अहमद से प्लाट दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये हड़प लिए। पीडि़त के मुताबिक संत रविदास नगर निवासी अमित कुमार ने उन्हें हासेमऊ में जमीन दिलाने के लिए कहा था। जमीन के लिए उन्होंने पांच लाख रुपये दे दिए। इसके बाद रेहान ने वहां निर्माण शुरू किया तो पता चला कि अमित ने उस प्लाट को किसी और को बेच दिया है। पीडि़त ने गोमतीनगर विस्तार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।