-कैंसर मरीजों को नि:शुल्क देने के लिए आई थी दवाएं

- साढ़े चार लाख की दवाएं बरामद, जांच कमेटी गठित

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कैंसर पीडि़त मरीजों के लिए आने वाली लाखों की महंगी दवाएं बाहर बेची जा रही थी। मंगलवार देर रात भी एक व्यक्ति बैग भर कर दवाएं लेकर जा रहा था कि गार्ड ने शक होने पर रोक लिया। पूछताछ के दौरान वह बैग छोड़कर ही भाग खड़ा हुआ। देर शाम सीएमएस डॉ। एससी तिवारी ने मामले में एफआईआर कराने के आदेश दे दिए हैं।

साढ़े चार लाख की थीं दवाएं

मंगलवार देर रात लगभग 12 बजे केजीएमयू के मेन गेट से स्कूटी आती हुई दिखाई दी तो गार्ड ने उसके पास एक बैग देखकर उसे रोक लिया। पूछताछ करने पर उसने गार्ड को एक हजार रुपए देने की भी कोशिश की, लेकिन गार्ड ने बैग दबोच लिया और खोलकर दिखाने को कहा तो दवा चोर भाग खड़ा हुआ। जब गार्ड ने बैग खोलकर देखा तो उसमें कैंसर और रेडियोथिरेपी की साढ़े चार लाख की दवाएं थी।

पीआरओ से की शिकायत

गार्ड ने मामले की शिकायत पीआरओ से की। जिसके बाद सीनियर अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। बुधवार को जब मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ। विजय सिंह, डॉ। एसएन कुरील और डॉ। उमा सिंह ने उनकी जांच की तो पता चला कि दवाएं कैंसर की व रेडियोथेरेपी की हैं। सभी कैंसर के मरीजों के ही काम आती हैं। इनका बाजार मूल्य लगभग साढ़े चार लाख रुपए है। जबकि केजीएमयू प्रशासन इन्हें थोक में डेढ़ लाख रुपए में मंगाता है। अब रेडियोथेरेपी विभाग केजीएमयू प्रशासन के निशाने पर है। क्योंकि सभी दवाएं उसी विभाग के मरीजों की हैं और सभी केजीएमयू की मुहर भी लगी है। माना जा रहा है कि विभाग के कर्मचारी दवाएं मरीजों को नि:शुल्क देने की बजाए मार्केट में बेच देते हैं। इसके बाद वीसी प्रो। रविकांत ने मामले में 4 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट देने को कहा है।