नहीं जा सकती कार या बाइक
यहां कोई भी बाइक या कार लेकर नहीं जा सकता। आखिर पार्कों की सुरक्षा का सवाल है। फरियादी अपनी फरियाद लेकर पुलिस अधिकारियों तक पहुंचे या ना पहुंचे। उसकी कम्पलेन दर्ज हो या ना हो। बीमार हैं तो क्या हुआ, धूप में एक किलोमीटर पैदल चलना ही पड़ेगा। तभी अपनी शिकायत चौकी तक पहुंचाई जा सकती है। इतना ही नहीं फरियादियों को सीओ साहब से पहले यहां तैनात सिक्यूरिटी गार्ड से पूछताछ की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
अक्सर करानी पड़ती है सिफारिश
यहां पुलिस चौकी है, लेकिन गाड़ी जाने के लिए आम रास्ता नहीं है। यहां सीओ गोमतीनगर भी बैठते हैं, लेकिन फरियादी अपनी शिकायत लेकर अपनी गाड़ी से नहीं जा सकते। पब्लिक को गाड़ी से जाने से रोक दिया जा रहा है। अगर कोई जान पहचान वाला होता है तो उसे पुलिस अधिकारियों से सिफारिश करानी पड़ती है तब जाकर अंदर गाड़ी ले जाने की परमीशन मिल पाती है.
लखनऊ का है मरीन ड्राइव
इसका दूसरा पहलू यह है कि अक्सर इस रोड पर सिर्फ सैर सपाटा करने वाले युवक ही जाते थे और रोड पर स्टंट करते थे। इस रोड की मिनी मरीन ड्राइव रूप में भी पहचान है। शाम के टाइम आसपास के लोग नदी के किनारे बने इस खूबसूरत रोड पर घूमने के लिए भी आते हैं.
स्टंट के कारण रोकी गयी है इंट्री
यहां के एक सिक्योरिटी गार्ड ने बताया कि लोग बाइक या कार से अंदर जाते हैं और यहां स्टंट करते हैं। इसलिए हम लोगों को ऊपर से आदेश है कि यहां अंदर गाडिय़ां ना ले जाने दिया जाए.
क्या कहते हैं अधिकारी
सीओ या चौकी पर जाने से किसी को कोई नहीं रोक सकता। अगर इस तरह की बात है तो इसकी जांच करायी जाएगी। क्योंकि सीओ आफिस या चौकी पब्लिक के लिए ही है। यहां पब्लिक से ना तो पूछताछ कोई कर सकता है और ना ही यहां जाने वालों की गाडिय़ां कोई रोक सकता है.
हबीबुुल हसन
एएसपी ट्रांसगोमती
यहां किसी पर कोई पाबंदी नहीं है। अगर किसी को इस तरह सुरक्षा कर्मी रोकते हैं तो इसकी शिकायत मेरे नम्बर पर की जा सकती है। सुरक्षा कर्मियों को सिर्फ चेक करने का अधिकार है और किसी चीज का नहीं। अगर ऐसा है तो सुरक्षा कर्मियों से जवाब तलब किया जाएगा.
विद्या सागर मिश्रा
सीओ, गोमतीनगर.