- सिविल हॉस्पिटल में चल रहा था इलाज, बुधवार को हुई मौत

- 90 फीसदी जल गई थी अंजली उर्फ आयशा

- पूर्व राज्यपाल के बेटे पुलिस कर ही पूछताछ, महिला थी संपर्क में

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रुष्टयहृह्रङ्ख : विधानभवन के सामने आत्मदाह करने वाली अंजली उर्फ आयशा ने 19 घंटे बाद दम तोड़ दिया। अंजली मंगलवार दोपहर उसने विधानभवन के सामने कैपिटल तिराहे से आगे मिट्टी तेल डालकर आग लगा ली थी। आग की लपटों से घिरी अंजली को हजरतगंज पुलिस ने बचाकर सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। वह 90 फीसदी जल गई थी और बुधवार को सिविल हॉस्पिटल में शाम 7.15 बजे उसने दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस मामले में पूर्व राज्यपाल के बेटे से पूछताछ कर रही है।

पूर्व राज्यपाल के बेटे से पुलिस कर रही पूछताछ

अंजली उर्फ आयशा के आत्मदाह के बाद महाराजगंज पुलिस की एक टीम मंगलवार देर रात लखनऊ पहुंच गई थी। पुलिस टीम ने गोमतीनगर के एक शख्स को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि वह महाराजगंज की अंजली के संपर्क में था। युवक पूर्व राज्यपाल का बेटा बताया जा रहा है। पुलिस टीम उससे पूछताछ कर रही है। पुलिस को आशंका है कि उसी शख्स ने अंजली को आत्मदाह के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उसने आत्मघाती कदम उठाया।

महाराजगंज पुलिस ने हाथ खड़े कर लिए थे

अंजली का परिवार मूलरूप से गोरखपुर के चिलुआताल में रहता था, लेकिन कई वर्ष पहले वह पलायन कर गया था। अंजली का पहले पति अखिलेश तिवारी से अलगाव हो गया था, जिसके बाद वह आशिक रजा के संपर्क में आ गई थी। दोनों एक कपड़े की दुकान में काम करते थे। आशिक रजा महाराजगंज का रहने वाला था और उसका मकान गोरखपुर में भी था। कुछ दिन बाद आशिक रजा सऊदी चला गया था, जिसको लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई थी और अंजली गोरखपुर में उसके घर पहुंची। यहीं नहीं 4 अक्टूबर अंजली महाराजगंज में आशिक रजा के घर के बाहर धरने बैठ गई थी। उसने महाराजगंज कोतवाली और महिला थाने में भी दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उसने शादी के लिए दबाव बनाने और धर्म परिवर्तन कराने का भी आरोप लगाया था। मामला कोर्ट में चलने के चलते महाराजगंज पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया था, जिससे वह नाराज थी और 13 अक्टूबर को उसने आत्मदाह का नोटिस भी दिया था।