- अस्पतालों में भर्ती मरीजों की तुलना में तीन गुना तक खाली हैं सामान्य बेड

- आईसीयू में भी कोविड पेशेंट के लिए रिजर्व किए गए बेडों में अधिकतर खाली

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना संक्रमित मरीज राजधानी में आज भी मिल रहे हैं। इसके बाद भी अच्छी खबर यह है कि यहां भी संक्रमण की रफ्तार लगातार कम होती जा रही है। कई कोविड अस्पतालों को नान-कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा चुका है। वहीं अब अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व किए गए सामान्य बेड हों या आईसीयू के बेड हर जगह मरीजों की तुलना में खाली बेडों की संख्या कहीं अधिक है। जिसके कारण नए संक्रमितों को भर्ती होने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि इधर कुछ दिनों से जो मरीज आ रहे हैं, उनमें सर्वाधिक संख्या बुजुर्गो की है। जिनमें से कई को कोरोना के अलावा दूसरे संक्रमण भी हैं। वेंटीलेटर पर अधिकतर ऐसे ही मरीज फिलहाल भर्ती हैं।

पीजीआई

210 बेड कोविड पेशेंट के लिए

99 बेड ही हैं इस समय फुल

80 आईसीयू बेड कोविड पेशेंट के लिए

33 बेड आईसीयू में हैं खाली

दूसरे जिलों से आ रहे ज्यादा मरीज

पीजीआई राजधानी कोविड अस्पताल के आईसीयू इंचार्ज डॉ। जिया हाशिम ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में दूसरे जिलों से कोरोना मरीज भर्ती होने आ रहे हैं। इनमें बुजुर्गो की संख्या अधिक है। इन मरीजों को जरा सी भी दिक्कत होने पर वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया जा रहा है। खास बात यह है कि इनमें से कई मरीजों में दूसरे इंफेक्शन भी देखने को मिल रहे हैं।

कोट

आईसीयू में इस समय बड़े उम्र के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इन मरीजों के फेफड़े कमजोर हैं, जिस कारण इन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट करना पड़ रहा है। डॉ। जिया हाशिम, आईसीयू इंचार्ज पीजीआई कोविड अस्पताल

लोहिया संस्थान

200 बेड कोविड पेशेंट के लिए

50 बेड ही हैं इस समय फुल

150 आईसीयू बेड कोविड पेशेंट के लिए

105 बेड आईसीयू में हैं खाली

हाई रिस्क वाले मरीज ज्यादा

लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ। श्रीकेश सिंह ने बताया कि इधर कुछ दिनों ने भर्ती होने वाले कोरोना मरीजों में हाई रिस्क वाले मरीज ज्यादा हैं। इनमें से कई को वेंटीलेटर पर भर्ती किया गया है। पहले जहां बुजुर्ग मरीजों की संख्या कम थी, वहीं अब बुजुर्गो में कोरोना संक्रमण अधिक देखने को मिल रहा है।

कोट

पिछले एक-डेढ़ माह से युवाओं के मुकाबले बड़े-बुजुर्ग पेशेंट ज्यादा आ रहे हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे हैं जिन्हें ज्यादा मॉनीटरिंग की जरूरत है।

डॉ। श्रीकेश सिंह, प्रवक्ता लोहिया संस्थान

केजीएमयू

500 बेड कोविड पेशेंट के लिए

161 पर ही मरीज हैं भर्ती

250 आईसीयू बेड कोविड पेशेंट के लिए

94 बेड आईसीयू में हैं खाली

अधिकतर मरीज आईसीयू या एचआईडीयू में

केजीएमयू के एमएस डॉ। डी हिमांशु के मुताबिक इस समय कोविड अस्पताल में तो मरीज कम हैं लेकिन जो हैं वे अधिकतर आईसीयू या एचआईडीयू में हैं। पहले युवाओं में संक्रमण अधिक दिखाई दे रहा था लेकिन अब अधिक उम्र के लोग ज्यादा आ रहे हैं। कई मरीजों में दूसरे इंफेक्शन भी देखने को मिल रहे हैं, जो इन्हें उन अस्पतालों में मिले हैं, जहां ये पहले भर्ती किए गए थे। इंफेक्शन वाले मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है।

कोट

अब जो मरीज भर्ती होने आ रहे हैं, उनमें दूसरे जिलों से आने वालों की संख्या अधिक है। इनमें से अधिकतर की उम्र अधिक है और इन्हें इंफेक्शन की भी शिकायत है।

डॉ। डी हिमांशु, एमएस केजीएमयू

लोकबंधु अस्पताल

250 बेड कोविड पेशेंट के लिए

31 पर ही मरीज हैं भर्ती

40 आईसीयू बेड कोविड पेशेंट के लिए

32 बेड आईसीयू में हैं खाली

दूसरे अस्पतालों से आए मरीज

लोकबंधु अस्पताल में इन दिनों कोरोना संक्रमित ऐसे मरीज ज्यादा आ रहे हैं जिनमें दूसरी बीमारियां भी हैं। सीएमएस डॉ। अमिता यादव ने बताया कि दूसरी बीमारियों के इलाज के दौरान ये जिन अस्पतालों में भर्ती थे, वहीं इन्हें कोरोना संक्रमण हुआ है। यहां इस समय भर्ती मरीजों में अधिक उम्र वाले मरीजों की संख्या अधिक है।

कोट

इस समय बुजुर्ग पेशेंट ज्यादा आ रहे हैं। इन्हें इंफेक्शन भी है। ऐसे में इनकी ज्यादा केयर की जरूरत है।

डॉ। अमिता जैन, सीएमएस लोकबंधु

बाक्स

बीमार कम ठीक होने वाले ज्यादा

तारीख संक्रमित डिस्चार्ज मौत

1 जनवरी 152 253 2

2 जनवरी 137 262 1

3 जनवरी 134 208 2

4 जनवरी 162 214 2

5 जनवरी 142 161 3

6 जनवरी 118 187 0

7 जनवरी 147 167 3

नोट- पिछले सात दिनों में राजधानी में कुल नए संक्रमितों की संख्या 992 रही। वहीं कुल 1452 लोगों को कोरोना से ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। वहीं संक्रमण से 13 लोगों की जान गई है। इन आंकड़ों से साफ है कि राजधानी में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए मिल रहे मरीजों की तुलना में करीब 50 फीसद अधिक है।