लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई जल्द ही प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों के टेली-आईसीयू प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग देने और निगरानी करने का काम करेगा। इसके लिए पीजीआई और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड ने एमओयू साइन किया है। इसके तहत इस प्रोग्राम के लिए 11.7 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह प्रोग्राम हब और स्पोक मॉडल पर आधारित है। इसमें प्रदेश के गोरखपुर, प्रायागराज, कानपुर, आगरा, झांसी और मेरठ मेडिकल कॉलेज के आईसीयू शामिल हैं। इस प्रोग्राम की मदद से इन जिलों के मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी, क्योंकि इन आईसीयू में भर्ती मरीजों की निगरानी पीजीआई द्वारा की जायेगी।

24 घंटा निगरानी और परामर्श की सुविधा

पीजीआई के निदेशक प्रो। आरके धीमन ने कहा है कि कोविड महामारी के दौरान पीजीआई ने राज्य के 52 मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों के परामर्श और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही संस्थान ने कोविड काल में 50 हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। इन्हीं अनुभवों के आधार पर हमने टेली आईसीयू कार्यक्रम तैयार किया है। इसे अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और समर्पित इंटरनेट के जरिए जोड़ा जायेगा। जिससे इन मेडिकल कॉलेजों के आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों की निरंतर निगरानी की जायेगी। इसमें इन मेडिकल कॉलेजों की ऑन साइट और पीजीआई की ऑफ साइट टीमें आडियो-विजुअल तकनीक की मदद से मरीजों की रियल टाइम जानकारी एवं परामर्श 24 घंटे दे सकेंगी। इससे इन आईसीयू की गुणवत्ता में सुधार होगा, जो गंभीर मरीजों के रेफर में होने वाले खतरों को कम किया जा सकेगा।

आगे प्रोग्राम का होगा विस्तार

प्रो। धीमन के अनुसार, निरंतर समन्वय से इन मेडिकल कॉलेजों के आईसीयू में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के प्रदर्शन और कार्यशैली में भी सकारात्मक बदलाव आएगा। साथ ही इस कार्यक्रम की सफलता के बाद इस प्रणाली को यूपी के 75 जिलों-मेडिकल कॉलेजों के आईसीयू में विस्तारित करने की योजना है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के नोडल अधिकारी प्रो। आरके सिंह हैं।

टेली-आईसीयू के तहत प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा जायेगा। प्रोग्राम सफल होने पर इसे सभी जिलों से जोडऩे की योजना है।

-प्रो। आरके धीमन, निदेशक, एसजीपीजीआई