राजाजीपुरम में रहने वाली आरती (बदला हुआ नाम) आर्केस्ट्रा प्रोग्राम में नाचती हैं। वे इसके अलावा भी तमाम शोज में डांस करती हैं लेकिन इस दौरान उन्हें ऐसे-ऐसे कमेंट्स और लोगों की घूरती निगाहों का सामना करना पड़ता है, जिससे निपटना आसान नहीं होता है।

सुल्तानपुर की रहने वाली शीतल (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह एमए कर चुकी हैं। डांस उनका शौक है। तमाम कारणों के चलते वह अब आर्केस्ट्रा और तमाम पार्टीज में डांस करती हैं। वह अकेले ही आलमबाग क्षेत्र में रूम लेकर रहती हैं।

संजना (बदला हुआ नाम ) बालू अडडे के निकट रहती है। आर्केस्ट्रा में डांस शो करती हैं।

सपना टूट गया

फिल्म 'द डर्टी पिक्चरÓ में दिखाई गई सिल्क स्मिता की कहानी इन सभी से बेहद मिलती जुलती है। सिल्क स्मिता की तरह ही इन लोगों ने भी ग्लैमर वल्र्ड में पांव तो रखे लेकिन चमक नहीं बिखेर पाईं। आंखों में कुछ कर गुजरने का सपना वहीं चकनाचूर हो गया जब हकीकत की दुनिया से पाला पड़ा लेकिन जब इनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि पार्टीज में किस-किस तरह की अभद्रता होती है।

आर्केस्ट्रा पार्टीज और तमाम कार्यक्रमों में डांस करने वाली लड़कियों ने बताया कि द डर्टी पिक्चर में सिल्क स्मिता का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस विद्याबालन ने तो फिल्म में अभिनय किया है। वह तो एक सेलेब्रिटी हैं लेकिन हम लोगों को हकीकत में ऐसी परेशानियों से रूबरू होना पड़ता है। संजना ने बताया कि आर्केस्ट्रा में तो लोग दूर रह कर डांस देखने के बजाए हमारे करीब पहुंचने का प्रयास करते हैं। कई बार ये लोग स्टेज पर चढ़ आते हैं। अभद्रता की कोशिश करते हैं। ऐसे में हम आयोजक से इस बात को पहले ही तय कर लेते हैं कि हमारे साथ वहां अभद्रता नहीं होनी चाहिए।

अब तो रूटीन बन गया

शीतल ने बताया कि उन्हें शुरू से ही एक्ट्रेस बनने का शौक था। इसी के चलते शुरुआती दौर में उन्होंने पार्टीज आदि में प्रोग्राम भी किए। इसके बाद यह एक रुटीन बन गया। उन्होंने बताया कि स्टेज पर छेड़छाड़ तो छोडि़ए लोगों की निगाहें ग्रीन रूम तक रहती है। जहां कपड़े चेंज किए जाते हैं, वहां पर लोग तांका-झांकी की कोशिश करते हैं। दिलशान आर्केस्ट्रा ग्रुप के दिलशान बताते है कि ज्यादातर प्रोग्राम्स में गल्र्स बाहर से बुलाई जाती हैं। जिससे कि उनके शहर के लोग ना हों। इस बात का ख्याल रखा जाता है कि आर्केस्ट्रा में आने वाली डांसर्स के साथ कोई अभद्रता ना होने पाए।

संगम आर्केस्ट्रा गु्रप के साहिल ने बताया कि अकेले लखनऊ शहर में इस समय कम से कम ढाई सौ लोग आर्केस्ट्रा चला रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ढाई से तीन हजार गल्र्स इनसे जुड़ी हुई है। इनमें इंटर से लेकर एमए स्टूडेंट तक शामिल हैं। एक आर्केस्ट्रा गु्रप में 15 से 25 लोग होते हैं। एक ग्रुप में कम से कम सात आठ डांसर होती हैं। सिर्फ मैरिजेज में नहीं तमाम मौकों पर हम लोगों को काल किया जाता है। पिछले कुछ सालों से डांसर बुलाने का फैशन बढ़ गया है।

मजबूरी में करना पड़ता है

एक लड़की प्रिया का कहना है कि मैं इतनी बेहतर फैमिली से नही हूं, ना ही पढाई में इतनी बेहतर हूं। हमारे पास यही एक हुनर था जिसे मैने अपनी लाइफ चलाने के लिए अपनाया। पर जब हमारे साथ इस तरह का बिहैवियर होता है तो हमें भी दुख होता है। काम करना बहुत मुश्किल हो जाता है।