- केन्द्र सरकार ने अपने हिस्से क ा जारी किया बजट, एकाउंट में पहुंची धनराशि

- दो माह से रूका हुआ था केन्द्र का भेजा अंश

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LUCKNOW:

फास्ट ट्रैक में शहर के नंबर वन की श्रेणी में आने के बाद स्मार्ट सिटी क ा कार्य आगे बढ़ाने में बजट सबसे बड़ा संकट बना हुआ है। हाल ही में केन्द्र ने अपने हिस्से का बजट जारी कर दिया है, लेकिन स्टेट गवर्नमेंट ने 66 करोड़ रुपए रिलीज नहीं किए हैं। ऐसे में अभी तक स्मार्ट सिटी का कार्य कागज में ही कैद है।

एकाउंट में पहुंचा केन्द्रीय अंश

स्मार्ट सिटी पर आला अफसरों ने कंसल्टेंट चयन का कार्य भले ही पूरा कर लिया हो, लेकिन आर्थिक संकट कम होता नजर नहीं आ रहा है। स्मार्ट सिटी के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए शुरुआती कार्य के लिए 200 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। पर अभी मात्र केन्द्र का अंश ही स्मार्ट सिटी के लिए भेजा गया है, जबकि राज्य सरकार का आर्थिक अंश 66 करोड़ रुपए जारी नहीं किया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार स्मार्ट सिटी पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार दोनों को बराबरी की धनराशि लगानी है। जबकि केन्द्र सरकार ने बीते वेंस डे को स्थानीय निकाय के खाते में 66.09 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की है। स्थानीय निकाय के निदेशक राकेश कुमार मिश्र द्वारा एकाउंट में केन्द्र की धनराशि आने पर सहमति जताई। अब इस धनराशि को आगे के कार्य में खर्च करने के लिए एसपीवी बोर्ड के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। जबकि दो महीने तक केन्द्रीय अंश पड़ा रहा, लेकिन राज्यसरकार ने इसे जारी नहीं किया। गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी के तहत शहर को विकसित करने में 2 हजार करोड़ रुपए का बजट लगेगा।

सेटअप नहीं कर सके ऑफिस

स्मार्ट सिटी के कार्य की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई है। एसपीवी के गठन के बाद अभी तक इनक ा ऑफिस सेट नही हो पाया है। नगर निगम मुख्यालय में फौरी तौर पर एक कमरे में स्मार्ट सिटी का कार्य किया जा रहा है, लेकिन अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था नहीं की गयी है। अभी तक कपूरथला पर ऑफिस की तलाश की जा रही थी, लेकिन इसमें अधिकारियों को सफलता नहीं मिली है। वहीं स्मार्ट ऑफिस चकबस्त कोठी पर बनाया जाना प्रस्तावित है। जहां मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनायी जाएगी।

कंसल्टेंट का हुआ चयन

नगर निगम मुख्यालय में स्मार्ट सिटी के कंसल्टेंट का चयन कर लिया गया है। बीते सैटर डे को फाइनेंशियल बिड ओपन करने के दौरान गुड़गांव की कंपनी दाराशॉ का चयन हो चुका है। हालांकि अधिकारी इस पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं। लेकिन जानी मानीं आठ कंपनियों ने कंसल्टेंट के लिए दावेदारी पेश की थी। टेक्निकल बिड में डाक्यूमेंट इवैल्युवेशन में हर मानकों में गुड़गांव की कंपनी खरी उतरी। वहीं फाइनेंशियल बिड में सबसे लोवेस्ट रही। इसके चलते कंपनी का चयन कंसल्टेंट के रूप में लगभग चुन लियगया है।

स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए केन्द्र सरकार ने अपना अंश जारी कर दिया है। पर, अभी राज्य सरकार का अंश आना बाकी है। कंसल्टेंट के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है।

पीके श्रीवास्तव, एडिशनल सीईओ व अपर नगर आयुक्त