लखनऊ (ब्यूरो)। एसटीएफ ने जिस गिरोह को पकड़ा है, वह लखनऊ के ठाकुरगंज एरिया के तहसीनगंज इलाके के मिड लाइफ चैरिटेबल ब्लड बैंक से पूरा धंधा संचालित कर रहा था। इस मामले में नारायणी ब्लड बैंक के मालिक अजीत दुबे को भी पकड़ा गया है। वह कृष्णानगर इंद्रलोक कॉलोनी में रहता है। यहां से ब्लड अस्पतालों, ब्लड बैंक और नर्सिंग होम तक में सप्लाई किया जाता था।

डीएमएलटी की डिग्री लेने के बाद बना ब्लड तस्कर

गिरफ्तार ब्लड तस्कर नौशाद ने बताया कि उसने प्रयागराज स्थित राम चंद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस से डीएमएलटी का कोर्स किया और इसके बाद 2018 में जोधपुर में अंबिका ब्लड बैंक में लैब टेक्नीशियन हो गया। जहां चैरेटेबिल ट्रस्टों द्वारा ब्लड डोनेशन कैंप लगाने की बात पता चली। पता चला कि इसके अधिकतर ब्लड बैंगों की कोई इंट्री नहीं होती। जिसके बाद नौशाद ने ब्लड तस्करी का काम शुरू कर दिया।

700 रुपए में खरीदते थे ब्लड

एसटीएफ के मुताबिक पूछताछ में सामने आया है कि नौशाद तुलसी ब्लड बैंक जयपुर, पिंक सिटी ब्लड बैंक जयपुर, रेड ड्रॉप ब्लड सेंटर जयपुर, गुरुकुल ब्लड सेंटर जयपुर, ममता ब्लड बैंक चैमू, दुषात ब्लड बैंक, चैमू, मानवता ब्लड बैंक सीकर, शेखावटी ब्लड बैंक चुरू के टेक्नीशियनों के माध्यम से ब्लड लेता था। एक ब्लड बैग के बदले 7 से 8 सौ रुपये तक देता था। जिसके बाद ब्लड को यूपी के लखनऊ, बहराइच, उन्नाव, हरदोई, उन्नाव, सीतापुर आदि जिलों में सप्लाई करता था।

कई ब्लड बैंकों में हो रहा खेल

जांच में सामने आया है कि ये लोग लखनऊ के चैरेटेबिल ब्लड बैंक बर्लिगटन चैराहा में भी ब्लड बैग सप्लाई करते थे। यही नहीं यूनिवर्सल ब्लड बैंक संडिला हरदोई, आभा ब्लड बैंक, फतेहपुर, मां अंजलि ब्लड बैंक, कानपुर, हसन ब्लड सेंटर बहराइच और सिटी चैरेटेबिल ब्लड बैंक उन्नाव में भी ब्लड की सप्लाई की गई थी। कृष्णानगर स्थित मानव ब्लड बैंक को डॉ। पंकज त्रिपाठी चलाते हैं, जो मिडलाइफ ब्लड बैंक में मेडिकल आफिसर भी हैं। संदीप सिंह मानव ब्लड बैंक में भी टेक्नीशियन को तौर पर काम करता है, जिसके द्वारा की गयी डिमांड पर ब्लड बैग की खेप लायी गई है।