- व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अ‌र्घ्य

- सीएम योगी भी छठ पर आयोजित कार्यक्रम में हुए शामिल

LUCKNOW:

एक ओर कानों में भक्तिरस घोलती मंच से आती छठ माई के गीतों की आवाज, वहीं दूसरी ओर गोमा के तट पर बहंगी उठाये और परिजनों संग सुसुबिता की पूजा करते श्रद्धालुओं की भीड़, व्रतियों के उत्साह को बढ़ा रही थी। मन में श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करती व्रती महिलाएं तो ढोल-ताशो पर झूमते हुये परिजन बताने के लिए काफी थे कि अब राजधानी पूरी तरह छठ के रंग में रंग चुकी है। कई श्रद्धालु तो लेटे-लेटे ही तट पर पूजा के लिए पहुंचे। शनिवार को छठ पर्व पर लक्ष्मण मेला मैदान, झूलेलाल वाटिका, पक्का पुल डालीगंज आदि जगहों पर कुछ ऐसा ही नजारा दिखाई दिया।

सीएम भी हुए शामिल

लक्ष्मण मेला मैदान में अखिल भारतीय भोजपुरी समाज की ओर से आयोजित छठ पर्व में सीएम योगी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुये। इस दौरान उन्होंने गोमा की पूजा भी की। सीएम ने कहा कि छठ पर्व जैसे आयोजनों को हमें स्वच्छता से जोड़ना चाहिए। जब हम सूर्य को अ‌र्घ्य दे रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जल की शुद्धि और जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दें। आज देश के विभिन्न राज्यों ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में इस पर्व को भव्यता से मनाया जाता है। जो लोग हमारे त्योहारों में संकीर्णताओं को ढूंढ़ने का प्रयास करते हैं, यह पर्व उनकी आंखें खोलने वाला है।

नई छवि गढ़ने का काम

सीएम ने बताया कि हमने देश और दुनिया के सामने दीपोत्सव से अयोध्या की एक नई छवि गढ़ने का काम किया। प्रयागराज में आयोजित कुंभ में 25 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कुंभ ने सुरक्षा, सुव्यवस्था और स्वच्छता का जो मानक प्रस्तुत किया है, वह सभी पर्व और त्योहारों को प्रस्तुत करना चाहिए। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, मंत्री बृजेश पाठक, मंत्री डॉ। महेंद्र सिंह, मंत्री आशुतोष टंडन और अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय आदि मौजूद रहे।

सुसुबिता की पूजा

सुबह से ही व्रत रखने के साथ व्रतियों को गोमा तट पर पहुंचाना जारी था। व्रती महिलाएं अपने परजिनों संग पूजन सामग्री के साथ गोमती तट पर पहुंची। जहां बहंगी फल, अनाज, सब्जियां, अदरक व हल्दी समेत कई अन्य सामग्री से भरी थी। जिसे उनके पति अपने सिर पर उठाकर चल रहे थे। महिलाओं ने तट पर पहुंचकर पहले सुसुबिता की पूजा-अर्चना की। इस दौरान व्रती महिलाओं ने नाक से लेकर अपनी मांग तक का सिंदूर लगाया हुआ था।

अस्ताचलगामी सूर्य को दिया अ‌र्घ्य

शाम को अस्ताचलगामी सूरज से पहले व्रती महिलाएं गोमती के पानी में कमर तक खड़ी हो गई। इस दौरान उनके पति भी साथ थे। जहां उन्होंने अस्तचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। इस दौरान महिलाएं छठी माई के गीत-भजन गा रही थीं। अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद कई लोग सुबह वापस आने के लिए लौट गये, वहीं कल वहीं रुक गए ताकि सुबह-सुबह उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दे सकें।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम

भोजपुरी समाज की ओर से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कलाकारों ने गीत और नृत्य से छठ माई को भेंट समर्पित की। करीब 150 कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति से लोगों का मन मोहा। जिसमें पटना के घाट लगल मेला पर पर्णिका की प्रस्तुति शानदार रही। इसके बाद पहिले पहिल छठी मईया, उग हे सूरज देव, बेदिया बना दो छठी घाटे, छठी मईया सुन ली पुकार जैसे गीतों ने सबको छठ के रंग में रंग दिया। कार्यक्रम में गायक संजू बघेल, कुसुम पांडेय, अनीता, स्वरा त्रिपाठी, अकरम अंजना, कवि राम अधीर, पिंडवी आदि प्रमुख कलाकारों ने समां बांधा।

श्रद्धा का उमड़ा सैलाब

गोमती पूजा स्थल पर श्रद्धा के कई रूप देखने को मिला। कई व्रती मनोकामनाएं पूरी होने पर लेटते हुये पूजा स्थल पर पहुंचे। तो कई लोग परिक्रमा करते हुये नजर आये। सभी की आंखों में मां की प्रति श्रद्धाभाव झलक रहा था।

चला सेल्फी का दौर

श्रद्धालु खूब सजधज कर पर्व मनाने के लिए पहुंचे। तट पर छाई मनोरम छटा के बीच लोगों में फोटो और सेल्फी लेने का भी खूब क्रेज दिखा। पूजा के दौरान जैसे ही सीएम पहुंचे लोगों में उनको देखने की होड़ मच गई। इस दौरान सीएम ने नन्हीं गीतिशा राय से बात की। वहीं गोमा के घाटों पर पूजा के बाद जमकर पटाखे भी छुटाए गए।

बहंगी लचकत जाये

भोजपुरी छठ पूजा समिति की ओर से पक्का पुल डालीगंज स्थित संझिया घाट पर आदि गंगा गोमती में उतर कर अस्ताचल भास्कर देव को अ‌र्घ्य देकर छठ पर्व विधि विधान से मनाया। अमरनाथ वर्मा के दल ने भोजपुरी छठ गीत कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाये जैसे कई लोकप्रिय भजन सुनाए।

उगते सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ पारण

लगातार 36 घंटे के छठ पर्व का पारण व्रती संडे को उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ करेंगे। जिसके लिए सूर्योदय से पहले सूप में पूजन सामग्री और फल लेकर गोमती नदी में कमर तक खड़े होने के बाद उगते हुये सूर्य को अ‌र्घ्य देंगी। बच्चों को गोद या साथ बैठाकर पूजा करने के साथ बेटे और पति की लंबी आयु की कामना महिलाएं करेंगी। इसके बाद प्रसाद खासकर ठेकुआ खाने के बाद व्रत का पारण किया जायेगा।

मैंने शादी और बहन के एक परिजन के ठीक होने की मन्नत मांगी थी। वो पूरी हो गई तो हम दोनों बहनें लेट-लेट कर यहां पूजा करने आए हैं। छठी माई ने हमारी मनोकामना पूरी कर दी है।

बेबी व लक्ष्मी

गांव में छठ पर्व श्रद्धा संग मनाया जाता है। घर जाना संभव नहीं होता है इसीलिए पंडितजी की पत्‍‌नी को यहीं बुला लेते हैं। ताकि विधि-विधान से पूजा कर सकें। यह पर्व हमारी आस्था का केंद्र है।

भावेश कुमार, डीजी इंटेलिजेंस

छठ पर्व सबमें एक अलग जोश और श्रद्धा का भाव भरता है। सभी लोग एक साथ पूजा करते हैं। छठ मईया की कृपा हम सब पर बनी रहे यही कामना करते हैं।

- उषा राय, मंजू व प्रतिमा पांडेय

हम जेठानी व देवरानी का पहला व्रत है, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है। यह छठी माईया की ही कृपा है कि अभीतक सबकुछ सही से हो रहा है। बस उनकी कृपा बनी रहे।

- मोनिका व प्रीति शर्मा

यह मेरा पहला व्रत है। इसलिए मेरी जेठानी ने मेरी मदद की है। व्रत रखकर अच्छा लग रहा है। छठी माईया से प्रार्थना है कि उनकी कृपा हम सब पर बनी रहे।

- मधु व सरिता शर्मा