लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। इस निर्णय में साफ है कि जो भी निर्माणाधीन साइट्स हैैं, उनके भू-उपयोग (लैैंड यूज)की स्टेटस रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। दरअसल, कई ऐसे मामले सामने आए हैैं, जिसमें भू-उपयोग में खेल किया गया है। अभी तक करीब 100 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैैं, जिसमें भू-उपयोग संबंधी नियमों की अनदेखी की गई है। नक्शे में भू-उपयोग आवासीय दिखाया गया, लेकिन निर्माण स्थल पर कॉमर्शियल निर्माण कराया जाना मिला। यह समस्या लगातार बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए ही एलडीए प्रशासन की ओर से उक्त जांच संबंधी कदम उठाया जा रहा है। जिससे अगर कहीं अवैध निर्माण हो रहा है तो तत्काल उसे रोका जा सके साथ ही निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

जोनवार चलाया जाएगा अभियान

एलडीए की ओर से अपने सभी जोन मेें निर्माणाधीन साइट्स को लेकर अभियान चलाया जाएगा। पहले चरण में वो साइट्स देखी जाएंगी, जिनका निर्माण शुरू हो गया है। वहीं दूसरे चरण में विभागीय लेवल पर ही भू-उपयोग की जांच की जाएगी। इसके बाद मौके पर जाकर सत्यापन किया जाएगा। इसके साथ ही आवासीय के साथ-साथ प्लॉटिंग के नक्शों की भी जांच कराई जा रही है। दरअसल, कई प्लॉटिंग साइट्स में भी भू-उपयोग में जमकर खेल किया जाता है। कृषि भूमि को प्लॉटिंग में कंवर्ट कर दिया जाता है और जनता की गाढ़ी कमाई फंस जाती है।

अपनी जमीनों पर भी फोकस

प्राधिकरण की ओर से अपनी खाली जमीनों की भी स्टेटस रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। जिससे यह पता चल सके कि उनकी जमीनों पर कब्जा तो नहीं हो गया। अगर ऐसा हुआ है तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी, वहीं जो खाली जमीनें सामने आएंगी, उनकी मॉनीटरिंग के लिए टीमों का गठन किया जाएगा। जिससे प्राधिकरण की जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा न किया जा सके। प्राधिकरण ने अवैध कब्जेदारों की लिस्ट बनाने का काम भी तेज कर दिया है। इनके खिलाफ अगले सप्ताह से कार्रवाई शुरू की जाएगी।

रजिस्ट्रियों के आधार पर जांच

एलडीए प्रशासन की ओर से टीपी नगर, जानकीपुरम योजना में प्लॉट्स की रजिस्ट्रियों के आधार पर जांच तेज कर दी गई है। बता दें कि इन दोनों योजनाओं में फर्जी तरीके से रजिस्ट्री किए जाने के कई मामले सामने आ चुके हैैं। जो भी फर्जी रजिस्ट्रियां मिलेंगी, उनके आधार पर एफआईआर दर्ज कराने का क्रम भी शुरू हो गया है। वहीं इसी सप्ताह से एलडीए की ओर से अपनी सभी योजनाओं में ड्रोन सर्वे भी कराने की तैयारी की जा रही है। जिससे एक्चुअल कंडीशन सामने आ सके।

हर सप्ताह समीक्षा

एलडीए प्रशासन की ओर से हर सप्ताह अवैध निर्माणों को लेकर समीक्षा की जाएगी। समीक्षा में यह देखा जाएगा कि किस जोन में अवैध निर्माण अधिक हैैं और कितनों के खिलाफ सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है। इसके आधार पर संबंधित अधिकारियों से सवाल जवाब किए जाएंगे।