लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में बन रहे फ्लाईओवर्स हों या कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस-वे, इनकी मजबूती को लेकर आप फिलहाल आश्वस्त हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि फ्लाईओवर्स और एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान इनकी मजबूती पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इनके पिलर निर्माण में विशेष तकनीकी के साथ ही स्टील के गर्डर यूज किए जा रहे हैैं। जिसकी वजह से ये सभी वाहनों के बढ़ते व्हीकल लोड को आसानी से झेल सकेंगे।

20 सालों तक कोई टेंशन नहीं

अगले 20 सालों में बढ़ने वाले व्हीकल लोड को ध्यान में रखते हुए ही वर्तमान फ्लाईओवर्स और कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि गुजरते वक्त के साथ शहर के अंदर और कानपुर लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर व्हीकल लोड बढ़ेगा। इसकी वजह से इनके निर्माण में कई तरह की स्पेशल तकनीकी का यूज किया जा रहा है। पिलर निर्माण से लेकर गर्डर ढाले जाने तक मजबूती को केंद्र बिंदु में रखा गया है।

यहां यूज होते हैैं स्टील के गर्डर

जो फ्लाईओवर्स या एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे लंबी दूरी वाले होते हैैं, उनमें स्टील के गर्डर को यूज में लाया जाता है। जिससे फ्लाईओवर में मजबूती आती है। इसे ध्यान में रखते हुई कई फ्लाईओवर्स और कानपुर लखनऊ एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे में इसका यूज किया जा रहा है। सभी निर्माण कार्यों की लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही है, जिससे समयबद्ध तरीके से काम पूरे हो सकें।

बनी के दूसरी तरफ भी काम शुरू

कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे की बात की जाए तो स्कूटर इंडिया चौराहे से बनी तक काम करीब 55 फीसदी तक पूरा हो चुका है और कई प्वाइंट्स पर पिलर भी तैयार कर लिए गए हैैं। वहीं, बनी के दूसरी तरफ नदी के ऊपर भी निर्माण कार्य शुरू हो गया है। बनी के बाद कानपुर जाने वाला ट्रैफिक इसी रास्ते के माध्यम से गुजरेगा, जो सीधा जाजमऊ को कनेक्ट करेगा। उन्नाव साइड से भी काम शुरू हो चुका है और इसे भी जल्द पूरा किया जाएगा।

फ्लाईओवर निर्माण में दिखेगी रफ्तार

मुंशी पुलिया से पॉलीटेक्निक चौराहे के पास तक बन रहे फ्लाईओवर के निर्माण में अब तेजी आती हुई नजर आएगी। इसकी वजह यह थी कि अभी तक पॉलीटेक्निक प्वाइंट पर जमीन संबंधी समस्या सामने आ रही थी। जिसे अब दूर कर लिया गया है। जिसके बाद अब गर्डर संबंधी काम किया जा रहा है। इस काम के शुरू होने से फायदा यह है कि इसी साल दिसंबर के आखिरी तक फ्लाईओवर का काम पूरा हो जाएगा और अगले साल से पब्लिक इस पर से गुजर सकेगी। हालांकि, इस फ्लाईओवर में अभी तय नहीं हो पाया है कि कलेवा चौराहे पर अंडरपास दिया जाएगा या नहीं। वहीं दूसरी तरफ, खुर्रम नगर से सेक्टर 25 इंदिरानगर चौराहे तक बन रहे फ्लाईओवर का काम भी जोरों पर है। जगरानी के पास भी निर्माण शुरू हो गया है। हालांकि, यह फ्लाईओवर अगले साल मार्च माह से पहले शुरू नहीं हो पाएगा।