लखनऊ (ब्यूरो)। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले देश भर के स्टूडेंट्स का हब बन गया है राजस्थान का कोटा शहर। वहीं दूसरी तरफ, अवैध कारोबार करने वालों ने कोटा को नशे की सप्लाई का हब भी बना दिया है। वहां रहने वाले स्टूडेंट्स को न केवल नशे की लत लगवाई जा रही बल्कि उन्हें छोटी-छोटी पुडिय़ा में पैक कर चरस की सप्लाई दी जा रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब गुरुवार को एसटीएफ ने कृष्णा नगर थाना क्षेत्र में कानपुर रोड से इस गैैंग के तीन मेंबर्स को गिरफ्तार किया। उनके पास से एक करोड़ रुपये की चरस बरामद हुई है, जिसे वे कार के जरिए नेपाल से राजस्थान के कोटा ले जा रहे थे।

एक करोड़ की चरस पकड़ी

पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों के बीच चरस की काफी मांग है। एसटीएफ की टीम को इनके पास से 20 किलो चरस बरामद हुई है। जिसकी मार्केट में कीमत एक करोड़ रुपये के करीब है। टीम अब इनसे जुड़े लोगों की तलाश कर रही है। जो इनको चरस उपलब्ध कराने का काम करते हैं।

छोटी कारों का करते हैं यूज

एसटीएफ ने मुखबिर की सूचना पर लखनऊ के कृष्णानगर थाना क्षेत्र में कानपुर रोड के पास से यूपी के जिला शाहजहांपुर के जलालाबाद निवासी मो। आफताब, हरदोई शहाबाद के सलमान खान और राजस्थान कोटा रंगपुर के अनिल कुमार शुक्ल को गिरफ्तार किया है। मो। आफताब और सलमान ने पूछताछ में बताया कि वे लोग दो साल से नेपाल से चरस लाकर कोटा निवासी अनिल कुमार शुक्ल को देते थे। वे लोग पुलिस चेकिंग से बचने के लिए स्थानीय नंबर के साथ छोटी कार का प्रयोग करते थे। इसके चलते वह हुंडई इयोन कार (यूपी 70 सीएफ 8586) से चरस लाते थे और अनिल आल्टो कार (आरजी 20 सीजी 2582) से लखनऊ से माल लेकर राजस्थान चला जाता था।

कोचिंग पढऩे वालों को सप्लाई

अनिल कुमार शुक्ल ने पूछताछ में बताया कि वह राजस्थान के कोटा जिले में रहता है, जो कोचिंग पढऩे वाले लड़के व लड़कियों का हब है। वह उन्हें चरस फुटकर में सप्लाई करता है। बच्चे इन्हें पान की दुकान से लेकर खाने-पीने वाले ठेले से लेते हैं। जहां हम लोगों के एजेंट लगे रहते हैं। बच्चों को चरस की लत लगाने के लिए गिरोह के लोग पहले लोगों को सिगरेट के साथ फ्री में चरस देते हैं। कुछ दिन बाद आदत पडऩे पर पैसे लेते हैं।

पेटीएम से करते हैं पेमेंट

अनिल ने बताया कि खपत के हिसाब से वह सलमान से चरस लेता है। चरस का पैसा बिक्री पर ही देना होता है। वह चरस के लेनदेन की पेमेंट पेटीएम के माध्यम से खाते में भेजता है, जबकि बुकिंग फोन से की जाती है।