लखनऊ (ब्यूरो)। यह तो महज कुछ उदाहरण हैैं, पर अगर आप घर या ऑफिस से बाहर निकल रहे हैैं तो जरा सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि आप भी किसी स्ट्रीट डॉग के हमले का शिकार हो जाएं। इसकी वजह यह है कि नोएडा की तरह राजधानी में भी स्ट्रीट डॉग्स के हमले का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में हर किसी को खास सावधानी बरतनी होगी।

लगातार बढ़ रहे हमले

स्ट्रीट डॉग्स के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैैं। राजधानी के भी कई इलाकों में स्ट्रीट डॉग्स बाइट के मामले सामने आ चुके हैैं। पहले जहां स्ट्रीट डॉग्स के हमलों के मामले पुराने लखनऊ में ज्यादा देखने को मिलते थे, वहीं अब लगभग पूरे शहर में यह समस्या सामने आ रही है। हैरानी की बात तो यह है कि अपार्टमेंट्स भी इस समस्या से अछूते नहीं हैैं। अपार्टमेंट्स में रहने वाले भी कई बार स्ट्रीट डॉग्स की समस्या से परेशान नजर आते हैैं।

ये हैं प्रमुख वजहें

1-ब्रीडिंग का समय-यह समय डॉग्स की ब्रीडिंग का माना जाता है। इसकी वजह से डॉग्स का बिहेवियर आक्रामक हो जाता है। ऐसे में डॉग्स किसी वक्त भी आक्रामक हो सकते हैैं।

ये कदम उठाएं-इस समय सभी स्ट्रीट डॉग्स से उचित दूरी बनाकर रहें। अगर डॉग आपको दौड़ाए तो भागे नहीं, बल्कि रुक जाएं।

2-भरपूर भोजन न मिलना-एक वजह यह भी है कि ज्यादातर स्ट्रीट डॉग्स को भरपेट भोजन नहीं मिल पाता है। इसकी वजह से भी उनका बिहेवियर चेंज होता है। करीब 30 फीसदी डॉग्स में यह समस्या देखने को मिलती है।

ये कदम उठाएं-प्रयास करें कि अगर आपके घर के आसपास कोई स्ट्रीट डॉग हो तो उसे रोटी इत्यादि देते रहें ताकि उसका बिहेवियर आक्रामक न हो।

3-तेज आवाज-यह फेस्टिव सीजन है, ऐसे में बच्चे स्ट्रीट डॉग्स के आसपास पटाखे फोड़कर उन्हें परेशान करते हैैं, जिसकी वजह से भी वे आक्रामक होते हैैं।

ये कदम उठाएं-बच्चों को समझाएं कि स्ट्रीट डॉग के आसपास पटाखे इत्यादि न फोड़ें।

यह डॉग्स की ब्रीडिंग का समय है। इस वजह से वे आक्रामक हो सकते हैैं। हम सभी को प्रयास करना चाहिए कि बेवजह उन्हें परेशान न करें। हो सके तो अपने मोहल्ले के स्ट्रीट डॉग को गोद लें। अगर ऐसा नहीं कर सकते हैैं तो कम से कम एक स्ट्रीट डॉग को भोजन जरूर दें।

-डॉ। अभिनव वर्मा, एनिमल वेलफेयर ऑफिसर, नगर निगम