लखनऊ (ब्यूरो)। बुधवार को आगरा कैंट स्थित भंडाई रेलवे स्टेशन के पास पातालकोट एक्सप्रेस के जनरल कोच में भीषण आग लग गई थी। ट्रेनों में बैठे पैसेंजर्स ने कूदकर अपनी जान बचाई। गनीमत रही कि ट्रेन की स्पीड कम होने की वजह से बड़ा हादसा टल गया। इस दुर्घटना से सबक लेते हुए रेलवे प्रशासन की तरफ से स्टेशनों और टे्रनों पर सुरक्षा के कैसे इंतजाम किए गए हैं, इसकी हकीकत जानने के लिए जब गुरुवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम चारबाग स्टेशन और लखनऊ जंक्शन पहुंची, तो रेलवे अधिकारियों की पोल खुल गई। दरअसल, अधिकारी खुद ही पैसेंजर्स और रेलवे की सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं। यहां पर न तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं और ना ही दो मेन एंट्री प्वाइंट्स पर लगे मेटल डिटेक्टर काम कर रहे हैं।

चेकिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम गुरुवार दोपहर 12 बजे चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां प्लेटफार्म नंबर-9 की तरफ से लोग बिना चेकिंग के आसानी से अंदर-बाहर आ-जा रहे थे। एक नंबर प्लेटफार्म पर चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सपे्रस खड़ी थी। नौ नंबर प्लेट फार्म से लेकर अंदर तक कोई चेकिंग नहीं थी। इस दौरान किसी के हाथ में बैग तो कोई खाली हाथ था। टीम आगे बढ़ी तो मुख्य द्वारा पर मेटल डिटेक्टर लगा दिखा, यहां बैग की डिटेक्टर से चेंकिंग हो रही थी, लेकिन अंदर आने-जाने वालों की चेकिंग की कोई व्यवस्था नहीं थी। हां, यहां दो पुलिसकर्मी जरूर बैठे थे, लेकिन वे मोबाइल में मस्त थे। ठीक इसी के बगल में एक्जिट गेट और प्लेटफार्म पर जाने के लिए सीढ़ियां हैं, लेकिन यहां कोई चेकिंग नहीं हो रही थी।

8 महीने से मेटल डिटेक्टर खराब

इसके बाद दोपहर 1.23 बजे टीम नार्थ ईस्टर्न रेलवे (एनईआर) के लखनऊ जंक्शन पहुंची। यहां मेन गेट पर मेटल डिटेक्टर लगा हुआ है। गेट के बगल एक पुलिसकर्मी कुर्सी पर बैठा था, लेकिन यहां कोई चेकिंग नहीं हो रही थी। यात्री आसानी से स्टेशनों में एंट्री कर रहे थे। किसी के पास बड़ा तो किसी के पास छोटा बैग था। यहां तैनात पुलिसकर्मी से पूछने पर उन्होंने बताया कि यह डिटेक्टर कई महीनों से खराब पड़ा है। हाल ही में इसे बनवाया गया था, लेकिन यह फिर खराब हो गया। वहीं, एक अन्य पुलिसकर्मी ने बताया कि यह डिटेक्टर करीब सात से आठ महीने से खराब है। हैरानी इस बात है कि इतने समय से मेटल डिटेक्टर खराब है, लेकिन अभी तक इसको ठीक नहीं कराया गया और बिना चेकिंग के ही यात्रियों की स्टेशन पर एंट्री दी जा रही है।

दूसरे गेट का भी यही हाल

ठीक इसके बगल और एक एंट्री गेट है, यहां पर दो पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगी हुई थी, लेकिन यहां पर भी चेकिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही थी। स्टेशन के अंदर कौन आ-जा रहा है इसकी कोई चेकिंग नहीं थी, यहां के मेटल डिटेक्टर का हाल पहले जैसा ही था। स्टाफ ने बताया कि दोनों मेटल डिटेक्टर पिछले कई महीने से खराब हैं। शिकायत करने पर एक दो बार बना भी, लेकिन एक दो दिन चलने के बाद व्यवस्था फिर चौपट हो जाती है। हैरानी इस बात है कि इस स्टेशन में कई चोर रास्ते भी हैं, जहां से लोग आते-जाते रहते हैं। वहीं, पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार ने बताया कि यहां पर सीसीटीवी कैमरे से लेकर पुलिसकर्मी द्वारा यात्रियों पर नजर बनाए रखी जाती है।

यह भी जानिए

बता दें कि अगस्त 26 अगस्त 2023 को तमिलनाडु के मदुरै में ट्रेन में हुए सिलेंडर ब्लास्ट हादसे में 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 20 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। इस कोच में सवार 63 लोगों ने 17 अगस्त को लखनऊ जंक्शन से अपने सफर की शुरुआत की थी। संभावना जताई गई कि इसी स्टेशन से सिलेंडर को ले जाया गया था।