- सीबीसीएस की बैठक में क्रेडिट डिसाइड करने के लिए तय की गई रणनीति

- पीजी के चार सेमेस्टर में में होंगे 96 क्रेडिट

LUCKNOW : एलयू में नए सेशन से पीजी में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत छात्रों को इंटर्नशिप व डिसर्टेशन का मौका भी मिलेगा। सभी डिपार्टमेंट पीजी के तीसरे सेमेस्टर में अगर उन्हें आवश्यकता लगे तो छात्रों को इंटरर्नशिप करा सकते हैं, वहीं चौथे सेमेस्टर में छात्रों को दो सौ मा‌र्क्स का डिसर्टेशन अनिवार्य कर सकता है। डिसर्टेशन के तहत छात्र एक विषय या टॉपिक पर एक रिसर्च की अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। सोमवार को वीसी प्रो। आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में करीब चार घंटे चले बैठक में सीबीसीएस लागू करने की तैयारी पूरी की गई। बैठक में तय किया गया कि पीजी में 96 क्रेडिट करने, मॉक कोर्स को क्रेडिट सिस्टम से जोड़ा जाएगा।

हफ्ते में 25 घ्ांटे की पढ़ाई अनिवार्य

लखनऊ यूनिवर्सिटी में पीजी स्तर पर हर सेमेस्टर में 450 घंटे की पढ़ाई अनिवार्य होगी। हर चैप्टर के लिए अनिवार्य कक्षाओं तथा उसके लिए निर्धारित क्रेडिट भी पहले से ही तय होंगे। यूनिवर्सिटी में लागू किए जा रहे च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के लिए सभी विभागों में तैयारी करनी होगी। यूनिवर्सिटी ने जो खाका तैयार किया है, उसमें सिलेबस को अब चार के बजाय पांच यूनिट में बांटा गया है। ज्यादा यूनिट होने पर परीक्षा में सवालों की संख्या बढ़ सकती है। सिलेबस भी पहले के मुकाबले बढ़ जाएगा। वीसी के निर्देश के अनुसार सभी विभागों को पाठ्यक्रम के लिए 96 क्रेडिट रखने हैं। इनकी पढ़ाई के लिए एक सेमेस्टर में कम से कम 90 दिन की अनिवार्य कक्षाएं होंगी। सप्ताह में पढ़ाई के लिए 25 घंटे न्यूनतम समेत सेमेस्टर में कुल मिलाकर 450 घंटे की पढ़ाई होना अनिवार्य होगी। सेमेस्टर स्तर पर न्यूनतम 24 घंटे और इलेक्टिव विषयों के लिए भी न्यूनतम चार क्रेडिट अनिवार्य किए जाएंगे। छात्रों को यह सुविधा मिलेगी कि वे इलेक्टिव विषयों की पढ़ाई अपने विभाग के अलावा अन्य विभागों में भी कर सकें। विभाग में दो तरह के वैकल्पिक विषय रखने होंगे। पहले, जो विभाग के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य होंगे जबकि अन्य विभाग के विद्यार्थी उसमें दाखिला ले सकेंगे। दूसरे, वो जिसमें वैकल्पिक विषय विभाग तथा अन्य विभाग के छात्रों के लिए भी उपलब्ध होंगे।

योग, नैतिक शिक्षा तथा पर्यावरण पर आधािरत होंगे वैकल्पिक विषय

सीबीसीएस में छात्रों को मिलने वाले वैकल्पिक विषय मुख्य रूप से योग, नैतिक शिक्षा, पर्यावरण विज्ञान, कला और संस्कृति पर आधारित होंगे। इन पेपर में भी मुख्य विषय के समान ही क्रेडिट होंगे। ऐसे में छात्रों इनको ध्यान से पढ़ेंगे।

विकल्प में कर सकेंगे मूक्स के कोर्स

सीबीसीएस लागू होने के बाद पीजी के छात्र विकल्प के रूप में अन्य विषयों के साथ ही मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज मूक्स से भी पढ़ाई कर पाएंगे। यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग ने छात्रों को उनके मुख्य विषय के साथ ही अन्य विषयों का ज्ञान देने की नियत से सभी यूनिवर्सिटी को सेमेस्टर प्रणाली के और सीबीसीएस लागू करने का निर्देश दिया है। इसमें छात्रों को अपने विषय से अलग एक वैकल्पिक विषय लेने की सुविधा मिलती है। इस तरह से विज्ञान वर्ग का छात्रों कला और कला वर्ग का छात्रों किसी अन्य वर्ग का विषय भी ले सकता है। एलयू में इसे पूरी तरह से लागू किया जा रहा है।

ये होंगी मुख्य बातें

- सेमेस्टर में कम से कम 90 दिन और 450 घंटे की पढ़ाई अनिवार्य होगी।

- हर टॉपिक के आगे उसके लिए निर्धारित क्रेडिट तथा अनिवार्य कक्षाओं की संख्या भी होगी।

- चार के बजाय पांच यूनिट में सिलेबस होगाए परीक्षा में प्रश्न की संख्या बढ़ेगी।

- सेमेस्टर में कम से कम 24 और पाठ्यकम में न्यूनतम 96 क्रेडिट अनिवार्य होंगे।

- विकल्प में मूक्स के कोर्स लेने की होगी आजादी।

- नैतिक शिक्षा, योग, कला और पर्यावरण आधारित होंगे वैकल्पिक विषय।

- हर पेपर में कम से कम चार क्रेडिट अनिवार्य होंगे।

- पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर में इंटर्नशिप आवश्यकतानुसार, और चौथे सेमेस्टर में डिसर्टेशन 200अंक अनिवार्य होगा

- हर छात्र का एक मैंटर होगा