लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के डॉक्टर ने दूरबीन विधि से जटिल सर्जरी कर एक मासूम की जान बचाई है। मरीज का कई अस्पतालों में इलाज कराया गया लेकिन फायदा न होने पर उसकी केजीएमयू में सर्जरी हुई। ठीक होने के बाद मरीज को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।

कोलेडोकल सिस्ट से पीडि़त

बाराबंकी निवासी आशाराम का सात साल का बेटा अंश जन्म से पेट दर्द और उल्टी से परेशान था। परिजनों ने कई निजी अस्पतालों में दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद वे केजीएमयू में पीडियाट्रिक सर्जन डॉ। जेडी रावत को दिखाने आए। यहां जांच में पता चला कि बच्चा कोलेडोकल सिस्ट बीमारी से ग्रसित है। यह एक जन्मजात विकृति है। जिसमें पित्त कि नली विकृत हो जाती है और एक ट्यूब के बजाय थैली बन जाती है। आमतौर पर इसका ऑपरेशन पेट में बड़ा चीरा लगाकर किया जाता है।

लेप्रोस्कोपी से सफल सर्जरी

प्रो। जेडी रावत एवं टीम ने लैप्रोस्कोपिक तकनीक से सर्जरी करने की योजना बनाई और 25 जनवरी को सफल ऑपरेशन किया। जिसके लिए पेट में बड़ा चीरा लगाने के बजाय सिर्फ चार छोटे छेद किए गए। पोस्ट ऑपरेटिव अवधि में रोगी को ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्द और परेशानी होती है। रोगी को 6 दिनों के बाद छुट्टी दे दी गई। ऑपरेटिव टीम में अन्य सदस्य डॉ। सुधीर सिंह, डॉ। पीयूष कुमार और डॉ निरपेक्ष त्यागी थे।

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बलरामपुर अस्पताल में जल्द लेजर की सुविधा

जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी विभाग को दोबारा शुरू किया जाएगा। दिल के मरीजों के लिए कैथ लैब स्थापित की जाएगी। इसके अलावा कैंसर विभाग का विस्तार किया जाएगा। साथ ही स्किन विभाग में लेजर की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। यह जानकारी मंगलवार को बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ। जीपी गुप्ता ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।

मॉड्यूलर ओटी तैयार हो रही

वहीं, अस्पताल के एमएस डॉ। हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि अभी आठ ऑपरेशन थिएटर हैं। प्रतिदिन 40 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन हो रहे हैं। मरीजों को और बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर तैयार किया जाएगा। मॉडर्न किचन की सुविधा होगी। 300 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाया जाएगा, ताकि बिजली का उत्पादन किया जा सके।