लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम में टैक्स वसूली के नाम पर किस कदर खेल किया जा रहा है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण विशाल खंड में सामने आया। जहां एक बंद पैलेस को पहले तो पांच लाख, फिर 18 लाख और फिर 63 लाख रुपये का टैक्स संबंधी नोटिस भेजा गया। इतना ही नहीं, टैक्स सेटलमेंट का दवाब भी बनाया गया। पैलेस मालिक ने चेक दिया तो उसमें राशि बढ़ाकर उसे बाउंस करा दिया गया। मंगलवार को आयोजित लोक मंगल दिवस में पैलेस मालिक ने मेयर संयुक्ता भाटिया से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामले की जांच शुरू करा दी गई है।

यह है पूरा मामला

विशाल खंड निवासी विक्रम बरयानी ने मेयर को बताया कि हर्ष पैलेस के नाम से उनका एक प्रतिष्ठान है, जो 2016 से बंद चल रहा है। पहले इसका पांच लाख, फिर 18 लाख और उसके बाद 63 लाख रुपये टैक्स भेजा गया। इस बीच उन्होंने 20 लाख रुपये का चेक जमा भी कर दिया, लेकिन संबंधित बाबुओं ने चेक को 28 लाख का बनाकर बाउंस करा दिया। मामला सामने आने पर मेयर ने नाराजगी जताते हुए नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी को प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। बता दें कि जोन तीन और चार में आयोजित लोक मंगल दिवस में कुल 39 शिकायतें आईं।

संवरेंगी ग्रीन बेल्ट, कम होगा एयर पॉल्यूशन

शहर को सुंदर बनाने की योजना के अंतर्गत नगर निगम प्रशासन की ओर से पूरा फोकस एयर पॉल्यूशन को नियंत्रित करने पर किया गया है। इसके लिए बकायदा एक्शन प्लान तैयार किया गया है। जो प्लान बनाया गया है, उससे साफ है कि सबसे पहले प्रमुख मार्गों के किनारे या बीच में स्थित ग्रीन बेल्ट को संवारा जाएगा। इसके लिए सर्वे का काम जल्द शुरू किया जाएगा। सर्वे में जो ग्रीन बेल्ट सामने आएंगी, उन्हें संवारने का काम किया जाएगा। इसी तरह यह भी देखा जाएगा कि रोड साइड प्लांटेशन की क्या स्थिति है। अगर कहीं प्लांटेशन की जरूरत होगी तो तुरंत वहां प्लांटेशन कराया जाएगा। यह कार्य विशेषज्ञों की देखरेख में होगा।

300 तक पहुंचता है एक्यूआई

राजधानी का एक्यूआई लेवल 300 तक पहुंच जाता है। हालांकि, निगम की ओर से कराए जा रहे पानी के छिड़काव और मलबा उठान के कार्रवाई से स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन अब स्थाई कदम के तौर पर प्लांटेशन करने का कदम उठाया गया है।