लखनऊ (ब्यूरो)। 'यह राजधानी है, यहां बेटियां सुरक्षित हैं', इस स्लोगन को हम हर बार सुनते, देखते और पढ़ते हैं। पर यह कितना सच है इसकी परख नहीं करते। इसका नतीजा एक ऑटो में टीचर से हुई गैंगरेप की वारदात के रूप में हमारे सामने है। वुमेन सेफ्टी का दम भरने वाली व्यवस्था तो बहुत सी हैं, जैसे-1090, पिंक बूथ, पिंक व्हीकल, थानों में महिला हेल्प डेस्क, पर इसके बाद भी गैैंगरेप पीडि़त 18 घंटे तक एफआईआर दर्ज कराने के लिए एक थाने से दूसरे भटकती रही। मामले ने जब तूल पकड़ा तो आनन-फानन में पुलिस ने केस भी दर्ज कर लिया और एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया।

7 किमी तक चलती रोड पर नोचते रहे

विभूतिखंड फायर स्टेशन के सामने से ऑटो चालक ने 18 साल की टीचर को बैठाया था। उस गाड़ी में ऑटो ड्राइवर के अलावा एक और शख्स सवार था। उस वक्त शाम के 6.45 बजे थे। चारबाग रूट की तरफ जाने की बात कहकर उसे बैठाया गया। चंद मिनट बाद अंधेरा होने लगा, जिसका फायदा उठाकर ऑटो ड्राइवर ने हुसडिय़ा चौराहे से ऑटो गोमती नगर की तरफ न लेकर शहीद पथ पर चढ़ा दी। गलत रास्ते पर ले जाने पर युवती ने शोर मचाने का प्रयास किया तो पीछे बैठे आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया और मोबाइल फोन छीन लिया। इस दौरान दोनों आरोपी उसे नोंचते रहे।

बिजी एरिया के बीच हुई किडनैपिंग

हैरत की बात यह है कि 7 किमी की दूरी में वह ऑटो तीन थानों से होकर गुजरी। इस दौरान करीब 10 पुलिस चौकी व बूथ के अलावा पांच पिंक बूथ भी पड़े। मदद के लिए न तो पुलिस आई और न राह चलते लोग। किसी को अंदाजा भी नहीं था कि ऑटो में एक युवती को किडनैप कर ले जाया जा रहा है।

सुशांत गोल्फ सिटी लेकर गए आरोपी

दोनों आरोपी युवती को किडनैप कर रास्ते भर डराते धमकाते रहे और उसे सुशांत गोल्फ सिटी स्थित इकाना स्टेडियम के पीछे के रास्ते पर ले गए। जहां दोनों ने बारी बारी उसके साथ गैैंगरेप किया। विरोध करने पर कई बार उसे मारा-पीटा और भारी चीज से उसके सिर पर वार भी किया।

डायल 112 ने की मदद, पुलिस ने टरकाया

रात करीब 9.30 बजे दोनों आरोपी उसे हुसडिय़ा चौराहे पर फेंक कर मौके से फरार हो गए। जैसे-तैसे वह कुछ दूर स्थित डायल 112 की गाड़ी तक पहुंची और उसमें मौजूद पुलिस कर्मियों से मदद मांगी। डायल 112 के पुलिस कर्मियों ने युवती की मदद भी की। उसे मौके पर लेकर गए और केस दर्ज कराने को भी कहा। उसकी हालत इतनी ज्यादा खराब थी कि वह घर चली गई।

भटकती रही रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए

शनिवार रात में ही पुलिस को गैैंगरेप की सूचना हो गई थी लेकिन किसी पुलिस कर्मी ने न तो युवती से संपर्क किया और न ही किसी तरह की छानबीन की। सूत्रों के मुताबिक, कुछ अफसर शनिवार रात मौके पर भी पहुंचे थे। रविवार सुबह अपने साथियों की मदद से युवती सबसे पहले हुसैनगंज थाने पहुंची जहां उसकी फरियादी सुनी तो गई लेकिन घटनास्थल विभूतिखंड होने का हवाला देकर वहां जाने की सलाह दी गई। युवती गोमती नगर थाने पहुंची तो वहां से भी उसे घटनास्थल सुशांत गोल्फ सिटी का हवाला देकर रवाना कर दिया गया। युवती सुशांत गोल्फ सिटी पहुंची तो वहां से भी उसे विभूतिखंड थाने में केस दर्ज कराने की सलाह दी गई।

चौकी इंचार्ज सस्पेंड, तीन इंस्पेक्टर को नोटिस

रविवार दोपहर करीब 3.15 बजे उसकी एफआईआर आखिरकार विभूतिखंड थाने में दर्ज कर ली गई। हालांकि, इस दौरान सोशल मीडिया से लेकर महकमे में यह सनसनीखेज घटना चर्चा का विषय बन गई थी। लापरवाही और पुलिस का गैर जिम्मेदाराना चेहरा सबके सामने आ चुका था। एक्शन लाजिमी था। बड़े अफसरों ने सबसे पहले विभूतिखंड चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर हालात को संभालने का प्रयास किया, बात नहीं बनी तो तीन इंस्पेक्टर को नोटिस जारी कर दिया। ये तीन इंस्पेक्टर है विभूतिखंड, गोमती नगर और सुशांत गोल्फ सिटी के हैं, जिन्हें सोमवार को लापरवाही का कारण बताओ नोटिस थमाया गया।

एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरे की तलाश

सोमवार दोपहर तक गैैंगरेप के एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह के अनुसार, गैैंगरेप के एक आरोपी आकाश तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। आकाश भी ऑटो ड्राइवर है। उसके दूसरे साथी इरफान की तलाश के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं।

क्यों नहीं दर्ज किया गया केस

महिला संबंधित अपराध के लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं। स्ट्रीट क्राइम से लेकर गंभीर अपराध मेंं महिला जिस थाने में चाहे वहां एफआईआर दर्ज करा सकती है। नियमानुसार निल पर केस दर्ज कर संबंधित थाना को केस ट्रांसफर करने का नियम है। गैैंररेप पीडि़ता चार थानों में अपनी फरियाद लेकर गई लेकिन किसी ने उसकी एफआईआर नहीं दर्ज की। हालांकि, घटना स्थल विभूतिखंड होने के चलते आखिर में वहां एफआईआर दर्ज की गई।

महिला सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले दावे

- रात के समय अगर महिला किसी सवारी गाड़ी में बैठने में असुरक्षित महसूस करती है तो वह पिंक व्हीकल या डायल 112 की गाड़ी से घर पहुंचने की मदद ले सकती है

- हर थाना में महिला के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है। जहां महिला पुलिस कर्मी पीडि़त की फरियाद सुनती है। तीन थानों में उसकी फरियाद तो सुनी गई लेकिन केस नहीं दर्ज किया गया।

- महिला संबंधित मामले में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश है। गैंगरेप पीडि़ता ने डायल 112 से अपनी शिकायत की थी, लेकिन उसके बाद भी तत्काल न तो एफआईआर दर्ज की गई और न ही उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया।

संस्कृति राय मर्डर केस के बाद बनी योजना धूल फांक रही

चार साल पहले गाजीपुर इंदिरा नगर में रहने वाली पॉलीटेक्निक की छात्रा संस्कृति राय घर जाने के लिए बादशाह नगर रेलवे स्टेशन जाने निकली थी। तब एक ऑटो ड्राइवर ने अपनेसाथी के साथ मिलकर उसे लूट के इरादे से किडनैप कर लिया था और चलती गाड़ी से घैला पुल के पास फेंक दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में दोनों आरोपी गिरफ्तार भी हुए थे। इसके बाद तत्कालीन एसएसपी कला निधि नैथानी ने शहर में चलने वाले सभी ऑटो व टैैंपो में यूनिक आईडी नंबर लिखने और उनके वैरीफिकेशन निर्देश दिए थे। कई हजार ऑटो व टैैंपों में यूआईडी नंबर लिखे भी गए थे।

दो साल में फेल हो गई थी व्यवस्था

तत्कालीन एसएसपी कला निधि नैथानी के जाने के बाद से यह व्यवस्था फेल हो गई और टैैंपो व ऑटो ड्राइवर्स की अराजकता रोड पर फिर बढ़ गई है। चालान से बचने के लिए कई ऑटो टैैंपो चालक फर्जी नंबर प्लेट तक लगाकर दौड़ा रहे हैं। जिसके नाम पर ऑटो टैैंपो परमिट है उनकी जगह दूसरे ड्राइवर बने हैं। जिनकी न कोई पहचान है और न ही कोई वैरीफिकेशन।

सिस्टम जागा अब होगा वैरीफिकेशन

डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि इस घटना को संज्ञान में लेते हुए अब शहर में चलने वाले सभी ऑटो टैैंपो के ड्राइवर्स का टैनेंट व सर्वेंट वैरीफिकेशन की तरह उनका भी वैरीफिकेशन कराया जाएगा। इसके अलावा जिनके नाम पर परमिट है और उनकी जगह कोई और गाड़ी चला रहा है तो उनका भी वैरीफिकेशन होगा। क्रिमिनल्स हिस्ट्री वाले ऑटो टैैंपो ड्राइवर्स के परमिट को कैंसिल करने के लिए आरटीओ विभाग से पत्राचार किया जाएगा। इसके अलावा जिन ड्राइवर्स की क्रिमिनल्स हिस्ट्री है और वह किसी दूसरे परमिट वाले व्यक्ति की गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो उस परमिट धारक के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।