लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना से बचाव के लिए बड़ों के साथ-साथ बच्चों के वैक्सीनेशन का भी काम चल रहा है। पर तमाम दिक्कतों के कारण बच्चों में वैक्सीनेशन प्रक्रिया धीमी चल रही है। इसे देखते हुए शासन द्वारा घर-घर जाकर वैक्सीनेशन का काम शुरू किया है। पर ये टीमें जब लोगों के घर पहुंचती हैं तो उन्हें वहां बच्चे नहीं मिल रहे हैं। दरअसल, गर्मी की छुट्टियों के कारण बच्चे या तो दादी-नानी के घर चले गये हैं या छुट्टी मनाने बाहर गये हुए हैं। राजधानी में बच्चों के वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए इस समय राजधानी में करीब 300 टीमें घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का काम कर रही हैं।

दूसरी डोज में आई कमी

राजधानी में 12-14 वर्ष और 15-18 वर्ष के बच्चों में घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने का काम हो रहा है। इसमें 12-14 वर्ष के 1,94,424 और 15-18 वर्ष के 3,21,292 बच्चों को वैक्सीन लगाई जानी है। जिला इम्युनाईजेशन अधिकारी डॉ। एमके सिंह के मुताबिक, राजधानी में 12-14 वर्ष के बच्चों में 70 फीसदी पहली और 33 फीसदी दूसरी डोज लग चुकी है। जबकि 15-18 वर्ष के बच्चों में 95 फीसदी को पहली और 70 फीसदी को दूसरी डोज लग चुकी है। दूसरी डोज लेेने में कमी इसलिए दिख रही है क्योंकि अभी छुट्टियां चल रही हैं। 28 दिनों के बाद दूसरी डोज लग रही है इसलिए भी कमी देखने को मिल रही है।

छुट्टियों के बाद आयेगी तेजी

डॉ। एमके सिंह के मुताबिक, राजधानी में बड़ी संख्या में बाहर से आये बच्चे पढ़ते हैं, जो इस समय घर चले गये हैं। अन्य कई बच्चे घूमने के लिए बाहर गये हुए हैं, जिसकी वजह से वैक्सीनेशन को जाने वाली टीमों को अक्सर खाली हाथ भी लौटना पड़ता है। पर जल्द ही छुट्टियां खत्म होने वाली हैं। स्कूल खुलते ही वैक्सीनेशन रफ्तार पकड़ेगा।

छुट्टियों की वजह से बच्चे घर पर नहीं मिल रहे हैं, जिसकी वजह से कई बार टीमों को वापस लौटना पड़ रहा है। स्कूल खुलते ही समस्या दूर हो जायेगी।

- डॉ। एमके सिंह, नोडल इंचार्ज इम्युनाईजेशन