लखनऊ (ब्यूरो)। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद दिल्ली-बरेली-सीतापुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग के शहरी भाग में टीले वाली मस्जिद के समीप गोमती नदी पर निर्मित हार्डिंग ब्रिज (पक्का पुल) की भार वाहन क्षमता का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। पहले यह परीक्षा गुरुवार से शुरू होना था लेकिन इसे अब शुरू किया गया है। जिसकी वजह से 18 दिसंबर तक इस पुल पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। इसके बाद 19 दिसंबर से हल्के वाहनों के आवागमन के लिए पुल को खोल दिया जाएगा।

विशेषज्ञों की टीम आई

सेतु के विशेषज्ञ अधिकारियों एवं अभियंताओं की टीम की ओर से भार वाहन क्षमता का परीक्षण किया जा रहा है। टीम की ओर से पुल के निचले हिस्से से लेकर ऊपरी हिस्से की बारीकी से टेस्टिंग की जा रही है। इसके साथ ही पुल के पिलर्स पर भी फोकस किया गया है। टीम की ओर से इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में भी दिया जाना है, इस वजह से भार वाहन क्षमता संबंधी टेस्टिंग को लेकर खासी सतर्कता बरती जा रही है।

दिन भर लगा रहा जाम

चूंकि इस पुल को लाइफलाइन माना जाता है और रोजाना यहां से 10 हजार से अधिक लोग गुजरते हैैं। चूंकि यह पुल अब बंद हो गया है, इसकी वजह से नए पुल पर व्हीकल लोड का भार आसानी से देखा जा सकता है। शुक्रवार को स्थिति यह रही कि दिन भर नए पुल पर जाम लगा रहा, जिसकी वजह से यहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अभी दो दिन तक लोगों को जाम की समस्या से रूबरू होना पड़ेगा। सोमवार से ही हल्के वाहन सवारों को राहत मिल सकती है।

पुल हो गया था जर्जर

दरअसल में, यह पुल करीब 109 साल पुराना है। ऐसे में इसमें जगह-जगह दरारें होने संबंधी मामला प्रकाश में आया था। यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। जिसके बाद ही जिम्मेदारों की ओर से तत्काल क्षमता परीक्षण संबंधी टेस्टिंग शुरू कराई गई है।