लखनऊ (ब्यूरो)। यूपी में थैलेसीमिया समेत दूसरी खून की बीमारियों पर काबू पाने के लिए अभियान चलेगा। शुरुआत में हिमोग्लोबीनोपैथी प्रबंधन के लिए राजकीय चिकित्सा केंद्रों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की जांच कराई जायेगी। हर तीन माह में हिमोग्लोबीनोपैथी (थैलेसीमिया आदि) की फ्री स्क्रीनिंग होगी। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने बजट व गाइडलाइन जारी कर दी है।

एनएचएम ने उठाया कदम

यूपी में हर साल करीब 55 लाख से अधिक प्रसव हो रहे हैं। कई बच्चे थैलेसीमिया समेत दूसरी खून की बीमारियों के साथ जन्म ले रहे हैं। इस पर काबू पाने के लिए एनएचएम ने अहम कदम उठाया है। राजकीय अस्पताल व मेडिकल संस्थानों में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग की जायेगी। इसमें सीबीसी व एचबीए-2 जांच कराई जायेगी। इससे बीमारी का पता लगाने में मदद मिलेगी। इसके लिए कुल 2,250 लाख की धनराशि अस्पतालों को आवंटित की जा चुकी है।

17 संस्थानों से होगी शुरुआत

यह अभियान राजधानी लखनऊ समेत आगरा, कानपुर नगर, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज व 11 मंडलीय चिकित्सालयों में एनएचएम ने एचपीएलसी उपकरणों से हिमोग्लोबीन वैरिएंट का परीक्षण किया जा सकेगा। इससे बीमारी की प्रारंभिक व संभावित बीमारी का पता लगाया जा सकता है। संक्रमण की पुष्टि के बाद दंपत्ति की भी जांच होगी।

स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू होगा

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के मुताबिक, यूपी को स्वस्थ्य बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की सेहत के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। योजनाओं का संचालन हो रहा है। हिमोग्लोबीनोपैथी प्रबंधन के लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। यह पूरी तरह से फ्री होगा। सरकारी अस्पताल में पंजीकृत गर्भवती महिलाओं की जांच होगी। इससे बीमारी पर काबू पाना आसान होगा। योजना को बेहतर तरीके से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।