- भारतेंदु नाट्य अकादमी के बीएम शाह प्रेक्षागृह में कथक कार्यक्रम ऑबसोलेट अप्रचलित का आयोजन

- अनुज मिश्रा कथक अकादमी के विद्यार्थियों ने दी प्रस्तुति

रुष्टयहृह्रङ्ख: कथक के मनोहारी रूपों से शुक्रवार की शाम सजी। अनुज मिश्रा कथक अकादमी के विद्यार्थियों द्वारा कथक भाव की खूबसूरत प्रस्तुति दी गई। भारतेंदु नाट्य अकादमी के बीएम शाह प्रेक्षागृह में ऑबसोलेट अप्रचलित शीर्षक से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

हे गजवदन पर मानसी ने दी प्रस्तुति

कार्यक्रम की शुरुआत मराठी भाषा में प्रसिद्ध गणेश वंदना 'हे गजवदन' गीत पर अकादमी के सीनियर छात्र प्रीतम दास, आरती व मानसी द्वारा प्रस्तुति दी गई। उसके बाद सुंदर रामभजन 'ऐसे राम है दुख हरण' पर अकादमी के गुरु पं। अनुज मिश्रा ने भाव नृत्य प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के शीर्षक के अनुरूप अप्रचलित ताल गजझम्पा (15 मात्रा) पर परंपरागत कथक का प्रदर्शन अकादमी की निदेशक नेहा सिंह, प्रीतम दास व आरती द्वारा किया गया।

प्रोग्राम में दिखी शूल और शिखर ताल की झलक

अगले चरण में अकादमी के नवांकुर कलाकारों द्वारा रामभजन 'श्री रामचंद्र कृपालु भजमन' पर नृत्य का प्रदर्शन किया गया। इसमें रुद्राक्षी, श्रेया, राधिका, अनन्ता, दिशा, मेधावी, खुशी, शिवा, अनुश्री, सिद्धि, मोहित, स्वाति व वंशिका शामिल रहे। इसके बाद अप्रचलित तालों के क्रम में शूल ताल व शिखर ताल में लखनऊ घराने की खास बंदिशों का प्रदर्शन अकादमी के सीनियर छात्रों द्वारा किया गया। इसमें शुभम, पीयूष, सिद्धि, सीमा, श्रीद्धि, स्वाती, तृप्ती, शैलजा, आरती, मानसी, प्रीतम दास, अल्का, वंदना व प्रेरणा शामिल रहे।

प्रसिद्ध ठुमरी गान 'हटो छेड़ो न कन्हाई' पर अकादमी की निदेशक नेहा सिंह द्वारा भाव नृत्य का प्रदर्शन किया गया। अकादमी के नवांकुर कलाकारों ने तराना पेश किया। अंतिम प्रस्तुति में अकादमी के सभी सीनियर-जूनियर छात्रों द्वारा मां शक्ति की आराधना 'जय जय गिरिवर राजकिशोरी' गान पर नृत्य प्रदर्शन किया गया।