लखनऊ (ब्यूरो) । डीजे आईनेक्स्ट प्रजेंट्स राजनी-टी के तहत मंगलवार को हजरतगंज स्थित श्रीराम टॉवर में परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें कारोबारियों ने सभी पार्टियों को दागी कैंडीडेट को टिकट न देने की बात कही। अभी तो स्थिति यह है कि कोई भी पार्टी किसी भी दागी कैंडीडेट को टिकट दे देती हैै और जनता उन्हें जीता भी देती है। इसके बाद जनता को भी परेशान होना पड़ता है। अब समय आ गया है बदलाव का। अब दागी कैंडीडेट को टिकट न देकर बाहर का रास्ता दिखाया जाये। राजनैतिक पार्टी साफ छवि वाले जनप्रतिनिधि को ही चुनावी मैदान में उतारें। इससे जनता की आधी टेंशन तो अपने आप समाप्त हो जाएगी। जाहिर सी बात है कि साफ छवि वाले जनप्रतिनिधि सिर्फ और सिर्फ विकास और जनता की समस्याओं को दूर करने पर फोकस करेंगे।

महिला सुरक्षा पर हो अभी और काम
परिचर्चा में महंगाई और महिला सुरक्षा को लेकर भी जमकर चर्चा हुई। साथ ही कई महत्वपूर्ण सुझाव भी सामने आए। महंगाई को लेकर साफ कहा गया कि वर्तमान समय में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में इन्हें कंट्रोल करने के लिए कवायद होनी चाहिए। महिला सुरक्षा पर काम हुआ है, लेकिन इसमें और भी काम करने की जरूरत है। नई रणनीति बनाने के साथ सुनवाई प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी करना होगा। वर्तमान में महिला सुरक्षा से जुड़े बिंदु पर काम तो हुआ है, इसके सफल नतीजे भी सामने आए हैैं, लेकिन अभी बहुत काम करने की जरूरत है।

परिचर्चा के पांच प्रमुख मुद्दे
चुनाव के दौरान तो डेवलपमेंट को लेकर बड़े-बड़े दावे और वादे किए जाते हैैं, लेकिन जैसे ही चुनाव समाप्त होता है और नतीजे सामने आते हैैं, सारे वादे कागजों में ही सिमट कर रह जाते हैं। अब जनप्रतिनिधियों को तत्काल यह सोच बदलनी होगी और अपने वादों को समय से पूरा करना होगा। हर बार प्रतिनिधि वादा करते हैं और फिर वादे को भूल जाते हैं।

पहला मुद्दा
कारोबार
पिछले दो सालों से कोविड के चलते जिस तरह से कारोबार पर संकट गहराया है, उसके लिए सरकार को चाहिए वह कारोबारियों के लिए ऐसा कुछ करे जिससे उनके टूटे हुए हौंसले और बिखर चुके कारोबार को संजीवनी मिल सके। कभी आपदा तो कभी ऑनलाइन के चलते कारोबार की रफ्तार पूरी तरह से बिगड़ती जा रही है, जरूरत है सरकार को ऐसे ठोस व मजबूत कदमों की जिससे कारोबार को एक नई संरचना मिले सके।
-नवीन मोगा

दूसरा मुद्दा
कनेक्टिविटी
लगातार देखने में आता है कि जिस जनप्रतिनिधि को जनता चुनाव में विजय रथ पर सवार करती है, बाद में उसी से मिलने के लिए जनता को ही संघर्ष करना पड़ता है। सांसद से लेकर विधायक तक जनता की पहुंच से दूर हो जाते हैैं। इसकी वजह से जनता की परेशानियों का निस्तारण नहीं हो पाता है। ऐसे में मेरा मानना है कि जो भी जनप्रतिनिधि जीते, वो जनता से नियमित रूप से मिले और उनकी समस्याओं का निस्तारण करे।
-सुनील

तीसरा मुद्दा
महंगाई
इस समय पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम खासे बढ़े हुए हैैं। इसकी वजह से मध्यम वर्ग खासा परेशान है। जब तक महंगाई कंट्रोल में नहीं आएगी, तब तक डेवलपमेंट की उम्मीद नहीं की जा सकती है। अब जो भी जनप्रतिनिधि जीतकर आए, वह सबसे पहले महंगाई कंट्रोल की दिशा में प्रयास करे। महंगाई कंट्रोल होने से उसके सफल परिणाम भी देखने को मिलेंगे।
- आनंद श्रीवास्तव

चौथा मुद्दा
डेवलपमेंट
मेरा तो यही मानना है कि विकास से जुड़ी जो भी योजनाएं बनाई जाएं, उनको समय से इंप्लीमेंट भी किया जाए। जिससे जनता को उन योजनाओं का लाभ मिल सके। अभी देखने में आता है कि योजनाएं तो कई बनती हैैं, लेकिन उनमें से कई योजनाएं इंप्लीमेंट नहीं हो पाती हैैं। इसकी वजह से जनता को उनका लाभ नहीं मिल पाता है। जनप्रतिनिधि इस बात का जरूर ध्यान रखें कि योजनाएं सिर्फ कागजों में ही सिमट कर न रह जाएं बल्कि धरातल पर इंप्लीमेंट हों।
- सुफियान

पांचवां मुद्दा
मॉनीटरिंग
सभी सरकारों की ओर से जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं बनाई तो जाती हैैं लेकिन उनका लाभ 70 फीसदी जनता को मिल ही नहीं पाता है। इसकी वजह से जनता के मन में जनप्रतिनिधि के खिलाफ आक्रोश की भावना उत्पन्न होती है। ऐसे में जनप्रतिनिधि को चाहिए कि जो भी कल्याणकारी योजनाएं आएं, वो प्रयास करें कि इनकी जानकारी और लाभ जनता तक पहुंचे। अगर ऐसा होगा तो निश्चित रूप से जनप्रतिनिधि की छवि सुधरेगी।
अभिषेक श्रीवास्तव, राकेश मिश्रा
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मेरा मानना है कि जनप्रतिनिधि वही जीते, जिसके पास डेवलपमेंट का विजन हो और उस विजन को पूरा करने के लिए प्रॉपर प्लान। इसके साथ ही वो समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चले। उसके मन में किसी के भी प्रति बैर न हो।
-सुफियान

अगर महंगाई कंट्रोल में रहेगी तो इसका सीधा असर डेवलपमेंट पर देखने को मिलेगा। महंगाई कम होने से आम आदमी भी चैन की जिंदगी बसर कर सकता है। उम्मीद है कि जनप्रतिनिधि इस पर विचार जरूर करेंगे।
- सुनील

चुनाव में दागी कैंडीडेट न खड़े हों, इसकी जिम्मेदारी खुद पार्टियां निभाएं। पार्टियां खुद ही ऐसे व्यक्ति को टिकट न दें, जिसकी छवि दागदार हो। सही मायने में साफ छवि वाले जनप्रतिनिधि ही विकास की नई कहानी लिख सकते हैैं।
अभिषेक श्रीवास्तव

डेवलपमेंट को लेकर स्पष्ट योजनाएं बनाई जाएं और उन योजनाओं को समय से इंप्लीमेंट किया जाए। चुनाव के समय सरकार जो वादे करे उसे पूरा भी करें। केवल चुनावी वादे बनकर न रह जाए। नई सरकार से हमें यहीं उम्मीद है।
-आनंद श्रीवास्तव

मेरा वोट तो उसी व्यक्ति को जाएगा, जो देश और समाज के कल्याण के लिए अपने कदम आगे बढ़ाएगा। सिर्फ बातें करने से विकास नहीं हो सकता, इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रयास करने होंगे।
मो सलमान

सभी जनप्रतिनिधियों को रोजगार की दिशा में ध्यान देने की जरूरत है। जब युवाओं के पास रोजगार होगा तो निश्चित रूप से इसका सीधा फायदा देश और समाज को मिलेगा। अभी इस दिशा में स्थिति चिंताजनक है।
-साऊद वेग

उसी जनप्रतिनिधि को जीतना चाहिए, जो समाज के हर एक व्यक्ति के विकास और कल्याण की बात करे। मेरा वोट तो उसी को जाएगा, जिसका पास डेवलपमेंट की सटीक रणनीति होगी।
- राकेश मिश्रा

रोजगार के अवसर जरूर मुहैया होने चाहिए। सभी जनप्रतिनिधियों को यही प्रयास करना चाहिए कि कोई भी युवा बेरोजगार न रहे। हर एक युवा को उसकी काबिलियत के अनुसार जॉब जरूर मिले।
- नईम

विकास को लेकर चरणबद्ध तरीके से योजनाएं बनें और उन योजनाओं को समय से पूरा भी किया जाए। योजनाओं सिर्फ कागजों में ही सिमट कर न रह जाएं।
- नवीन मोगा