- चोरी की बाइक का आरटीओ से बदल देते थे मालिकाना हक

- आरटीओ दलाल संग तीन अरेस्ट

- ई चालान के दौरान डिटेल न मिलने पर हुई शक

- चोरी की 10 बाइक व दलाल समेत तीन अरेस्ट

LUCKNOW: वाहन चोर गैंग आरटीओ के कर्मचारियों की मिलीभगत से चोरी की बाइक का मालिकाना हक बदलकर बेच देते थे। चौक पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग को पकड़ा है। ई चालान के दौरान गाड़ी की डिटेल मेल न खाने पर पुलिस को शक हुआ। इसके बाद पुलिस तफ्तीश में जुट गई। पुलिस ने आरटीओ के एक दलाल समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी की 10 बाइक बरामद की है।

ई चालान के जरिए पकड़ा गया गैंग

एडीसीपी पश्चिम गोपाल चौधरी ने बताया कि इंस्पेक्टर चौक विश्वजीत व उनकी टीम ने वाहन चेकिंग अभियान के दौरान एक बाइक का ई चालान किया था। बरामद आरसी से ई चालान की डिटेल मैच नहीं कर रही थी। शक होने पर बाइक चालक से पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस तफ्तीश में परत दर परत खुलती चली गई। इसके बाद पुलिस ने बिसवां सीतापुर निवासी शुभम रस्तोगी, डालीगंज हसनगंज निवासी सईद मोहम्मद यूसुफ और आरटीओ दलाल रजनीखंड शारदा नगर निवासी कन्हैयालाल मौर्य को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर चोरी की 10 बाइक बरामद की गई।

अस्पताल के बाहर से चुराते थे गाडि़यां

इंस्पेक्टर चौक विश्वजीत सिंह ने बताया कि आरोपी अस्पताल में मरीजों का इलाज कराने वाले तीमारदारों की बाइक को निशाना बनाते थे। आरोपी सईद मोहम्मद अपने पिता का इलाज एरा अस्पताल में करा रहा था। तभी उसके दिमाग में बाइक चोरी का प्लान आया। इसके बाद वह शुभम की मदद से बाइक चोरी को अंजाम देने लगा। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने केजीएमयू, एरा अस्पताल, केके पैलेस व बलरामपुर अस्पताल समेत कई अन्य अस्पतालों से बाइक चोरी का जुर्म स्वीकार किया है।

आरटीओ कर्मचारियों की मिलीभगत से तैयार करते थे आरसी

एडीसीपी गोपाल चौधरी ने बताया कि पकड़ा गया तीसरा आरोपी कन्हैयालाल मौर्या आरटीओ कर्मचारियों की मिलीभगत से दलाली करता है। तफ्तीश के दौरान प्रकाश में सामने आया कि वह बिना रोक टोक आरटीओ कार्यालय के अंदर आता जाता है। इतना ही नहीं उसे आरटीओ के कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण फाइलों को भी इधर से उधर पहुंचाने की जिम्मेदारी दे रखी थी। वह आसानी से चोरी की बाइक के कागजों में हेराफेरी कर मालिकाना हक ट्रांसफर करा देता था। गाडि़यों की आसानी से बेची जाती थी।

दिखावे को करता है साइकिल की मरम्मत

पुलिस के मुताबिक आरोपी शुभम ने कक्षा 7 तक की पढ़ाई की है। किसी को उस पर शक न हो इसके लिए वह दिखावे के लिए साइकिल मरम्मत का काम करता है। वहीं आरोपी सईद मो। यूसुफ बीकॉम किए है और डालीगंज में ऑनलाइन साइबर कैफे का संचालन करता है।