लखनऊ (ब्यूरो)। वक्त दोपहर के 12.47 बजे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम शाह नजफ रोड स्थित बूथ नंबर-6 पर पहुंची। यहां एक महिला होमगार्ड थी, पूछने पर बताया था कि गुडिय़ा मैडम ऊपर वाले कमरे में हैं। उनके बच्चे को फीवर है। इसलिए वह ऊपर कमरे में गई हैं। करीब 7 मिनट के बाद वह 10 महीने की बेटी को गोद में लेकर नीचे आई। पूछने पर पता चला कि पिछले एक हफ्ते से कोई भी केस नहीं आया है। बूथ को सुबह 9 बजे से रात 8 बजे तक खुलता है। यह भी बताया गया कि कई बार पार्क और स्कूलों के बाहर भी टीम जाती है और यहां पर महिलाओं को अवेयर करती हैं। यह सब सुन सवाल सिर्फ एक ही था कि आखिर जब पिंक बूथ पर इतनी व्यवस्था है तो क्यों कोई मदद के लिए यहां नहीं आता है।

यहां पर भी जाने बूथों का हाल
टीम दोपहर 1.30 बजे परिवर्तन चौराहे पर बूथ नंबर-7 पहुंची। यहां भी टीम मौजूद थी। इसके बाद टीम हजरतगंज बूथ नंबर-5 पर पहुंची यहां पर कांस्टेबल प्रीति और दो अन्य महिला पुलिसकर्मी थीं। सभी अपने-अपने मोबाइल में व्यस्त थीं। पूछने पर बताया कि यहां पर दो दिन से कोई केस नहीं आया है। इसके बाद टीम डालीबाग चिडिय़ाघर गेट नंबर-2 के पास स्थित बूथ नंबर-8 के पर गई, यहां पर बूथ खाली था। थोड़ी देर बार यहां महिला पुलिसकर्मी आई। उसने बताया कि यहां लाइट न आने की वजह से बूथ में कोई नहीं है।

राजधानी में 99 पिंक बूथ
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राजधानी में अलग-अलग एरियाज में कुल 99 पिंक बूथ खोले गए हैं, इसे खोलने का मकसद महिला अपराध की शिकायत पर तुरंत एक्शन लेना है। इसके अलावा कम्यूनिटी पुलिसिंग पर भी फोकस रहता है। कई बार महिलाएं को कोई दिक्कत होती है तो वह थाने के बजाए पिंक बूथ पर अपनी शिकायत दर्ज कराती हैं। दो मंजिला बनाए गए इस बूथ में बैठने की व्यवस्था के साथ, टॉयलेट की सुविधा भी दी गई है। इस बूथ पर महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। इसमें बूथों के हिसाब से महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

पेट्रोलिंग के लिए गाड़ी
कई बूथों पर पिंक स्कूटी भी मुहैया कराई गई है। जिससे महिला कांस्टेबल अपने आसपास के एरिया में पेट्रोलिंग और महिलाओं को अपराध रोकने के प्रति अवेयर करने का काम करती हैं। कई प्रमुख पिंक बूथों पर पिंक जीप दी गई है, लेकिन अधिकतर जगहों पर यह गाडिय़ां गायब दिखती हंै। इसके साथ ही अगर बारिश या फिर किसी बस या कार में सफर के दौरान उन्हें कोई असुविधा होती है तो महिलाएं पिंक बूथ पर जाकर समस्या का समाधान पा सकती हैं।

औसतन 5वें दिन एक केस
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शहर में 99 पिंक बूथ हैं। पिछले आठ महीने यानी जनवरी 2023 से अगस्त 2023 तक कुल 43 केस सामने आए हैं, जिनको यहां की पुलिस ने अपने स्तर पर सुलझाया है। यानी औसतन हर पांचवें दिन एक केस सामने आ रहे हैं।

इस तरह की आती है शिकायत
- पत्नी से विवाद का समझौता
- गुमशुदा की तलाश करना
- मोबाइल गुम हो जाना
- लड़ाई झगड़े से निपटारा

पिंक बूथ की पुलिस थाने के अंतर्गत काम करती है। यहां आने वाले केसों का अपने स्तर पर निस्तारण किया जाता है। पिछले दिनों पिंक बूथ की पुलिस ने कई गुड वर्क भी किए हैं। साथ ही जरूरत के हिसाब से बूथों पर महिला पुलिसकर्मियों की डूयूटी लगाई जाती है।
श्रवण कुमार सिंह, डीसीपी क्राइम अंगेस्ट वूमेन एंड सिक्योरिटी