लखनऊ (ब्यूरो)। तपती गर्मी में स्कूलों के बाहर छुट्टी के समय लगने वाले जाम से लोग बेहाल नजर आए। पांच दिन पहले मंडलायुक्त रोशन जैकब ने निरीक्षण कर स्कूलों के आसपास के एरिया को जाम मुक्त करने की व्यवस्था पर रिपोर्ट मांगी थी। जिसके बाद डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कई बिंदुओं पर हालात सुधारने के निर्देश दिए थे। उन नियमों का सच का पता लगाने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने मंगलवार को स्कूल की छुट्टी से पहले और बाद की स्थिति परखी। कई स्कूलों ने वे नियम तो फॉलो कर लिए जिन्हें पहले ही फॉलो किया जाना था, लेकिन जाम के हालात सुधारने के लिए अभी कोई ठोक एक्शन नहीं लिया गया।

टै्रफिक पुलिस ने भी नहीं लिया एक्शन

मंगलवार से स्कूल के बाहर खड़े वाहनों का चालान किए जाने का निर्देश था। हालांकि, सोमवार गोमती नगर स्थित कुछ स्कूलों के बाहर ट्रैफिक पुलिस ने चालान की कार्रवाई की, पर मंगलवार को एक-दो चालान कर एक बार फिर स्कूल मैनेजमेंट को व्यवस्था सुधारने के लिए एक सप्ताह का टाइम दे दिया गया।

अनाउंसमेंट का नहीं हुआ कोई असर

सेंट फ्रांसिस स्कूल ने जाम से निपटने के सड़क पर अपने 6 वालंटियरों की ड्यूटी लगाई। सफेद टी शर्ट में सीटी लिए ये वालेंटियर सड़क पर पार्क होने वाले वाहनों को हटाते दिखे। इसके अलावा स्कूल ने ट्रैफिक चलाने के लिए अपना कंट्रोल रूम भी स्थापित किया। सीसीटीवी कैमरों की मदद से कंट्रोल रूम में बैठे स्कूल के लोग माइक से अनाउंसमेंट कर गलत ढंग से पार्क गाडिय़ों को हटाने की गुहार लगाते रहे। कुछ लोगों ने उनकी बात सुनी तो अधिकतर ने अनाउंसमेंट को अनसुना कर दिए। मेन गेट के बाहर मंगलवार को एक भी वाहन रुकने तो नहीं दिया गया पर थोड़ी दूरी पर जाकर लोगों ने अपने वाहन पार्क कर दिए और छुट्टी के बाद फिर जाम लग गया। अगर पुलिस और प्रशासन की बात की जाए तो सेंट फ्रांसिस के बाहर महिला गार्डों को तैनात किया गया था, जिन्हें लोगों ने नजरअंदाज कर दिया।

मैनेजमेंट ने नहीं किया नियम फॉलो

कैथेड्रल स्कूल के बाहर छुट्टी के बाद का हाल रोज की तरह ही था। न तो स्कूल की तरफ से कोई व्यवस्था की गई और न ही पुलिस व प्रशासन की तरफ से। स्कूल के मेन गेट के बाहर महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी तो लगाई गई पर न तो वे चालान कर सकती थीं और न ही कोई उनकी बात सुन रहा था। छुट्टी के समय लोगों ने हर बार की तरह सड़क पर ही अपनी गाडिय़ां पार्क कर दीं और कुछ ही देर में पूरी सड़क जाम हो गई। स्कूल की तरफ से न कोई अनाउंसमेंट सिस्टम नजर आया और न ही कोई कंट्रोल रूम।

पैरेंट्स ही भिड़ गए गार्ड व टीचर्स से

लामार्ट गर्ल्स कॉलेज की छुट्टी के समय भी हालत पहले जैसे ही नजर आए। दोनों तरफ की रोड गाडिय़ों से पैक रही, जिसके चलते लंबा ट्रैफिक जाम नजर आया। स्कूल मैनेजमेंट माइक से अनाउंटमेंट करता रहा। गार्ड व स्कूल टीचर्स बच्चों को लेने आए चार पहिया वाहन स्वामियों से मिन्नत करते रहे, लेकिन उनका एक ही जवाब था कि आखिर गाड़ी कहां ले जाएं। कई पैरेंट्स तो उल्टा उन्हीं से भिड़ गए। मौके पर कोई ट्रैफिक पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। उनकी ड्यूटी चौराहे पर लगाई गई थी।