- सीबीएसई में पढ़ाया जाएगा इमरजेंसी मैनेजमेंट

- हर व्यक्ति को हो बेसिक लाइफ सपोर्ट देने की जानकारी

LUCKNOW: मेडिकल प्रोफेशनल्स के साथ ही पब्लिक में हर व्यक्ति को इमरजेंसी के समय पेशेंट को फ‌र्स्ट एड देने की व्यवस्था होनी चाहिए। 8 साल के बच्चे को भी मालूम होना चाहिए कि एक्सीडेंट होने के समय व्यक्ति की मदद कैसे करनी है ताकि एक्सीडेंट या अन्य इमरजेंसी में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके। यह बात रविवार को दसवें इंडयूएस-इमरजेंसी मेडिसिन-ख्0क्ब् के दौरान साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समिट में समिट के साइंटिफिक चेयरमैन डॉ। सागर गल्वांकर ने दी।

लांच किए दो प्रोग्राम

डॉ। सागर ने बताया कि इस समिट में दो नई चीजें लांच की गई हैं। जिनमें जीवन ज्योति अभियान और जनसुरक्षा अभियान हैं। जीवन ज्योति अभियान के तहत मेडिकल स्टाफ, स्टूडेंट व पब्लिक को अवेयर करना है। इसके तहत इस समिट में ख्म्00 डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दी गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में नर्सो व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को इमरजेंसी के समय निपटने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि इमरजेंसी में बड़ी संख्या में मरीजों को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि हार्ट अटैक हुआ तो उस व्यक्ति को सहायता कैसे दी जाए। क्योंकि, उसको बचाने के लिए कुछ ही समय हमारे पास है। ऐसा ही अन्य कई बीमारियों में भी होता है। डॉक्टर के पास पहुंचने से पहले अगर मदद मिल गई तो मरीज बच सकता है। अगर पेशेंट के घर में सभी लोगों को इसकी जानकारी होगी तो बड़ी संख्या में हर साल जान गवाने वाले मरीजों को बचाया जा सकता है।

पुलिस नहीं अपने लिए पहने हेल्मेट

डॉ। सागर के अनुसार जन सुरक्षा अभियान के तहत लोगों को ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने के लिए अवेयर करना है। सब जानते हैं कि सीट बेल्ट लगाना और हेल्मेट लगाकर ही बाइक चलानी है लेकिन लगाता कोई नहीं है। लोग सिर्फ पुलिससे बचने के लए ही ये सब करते हैं जबकि एक्सीडेंट में हेड इंजरी होने के कारण ये लोग जान गवां देते हैं। अगर हेल्मेट लगा होता तो यह नौबत न आती। इसलिए सरकार और पब्लिक की सहायता से लोगों को इसके प्रति अवेयर करना है। इजराइल, यूएस में हर व्यक्ति को यह ट्रेनिंग मिलती है। यहां पर भी दी जाएगी।

रोड एक्सीडेंट में मर रहे लोग

इस अवसर पर एम्स ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी मेडिसिन के डॉ। संजीव भोई ने बताया कि देश में लगातार एक्सीडेंट में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। भ् साल पहले म् मिनट में एक व्यक्ति करता था। फ् साल पहले फ् मिनट में एक व्यक्ति की रोड एक्सीडेंट में मौत होती थी और अब हर क्.9 मिनट में एक व्यक्ति की रोड एक्सीडेंट में डेथ हो जाती है। ट्रैफिक रूल्स फॉलो न करने, सीट बेल्ट और हेल्मेट न लगाने के कारण बहुत से लोगों की जान चली जाती है। इसलिए सीट बेल्ट कार में आगे और पीछे बैठने वालों के लिए जरूरी होनी चाहिए। यही नहीं बाइक में दोनों लोगों के लिए हेल्मेट जरूरी हो। दिल्ली में दोनों के लिए जरूरी कर दिया गया है लेकिन पूरे देश में यह जरूरी होना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम केजीएमयू के वीसी प्रो। रविकांत, डॉ। अजय सिंह, डॉ। अविनाश अग्रवाल, डॉ। वेद प्रकाशर सहित अन्य लोग मौजूद थे।

सीबीएसई में पढें़गे इमरजेंसी मैनेजमेंट

डॉ। संजीव भोई ने बताया कि उन्होंने केन्द्र सरकार को सुझाव दिया था कि इमरजेंसी के दौरान क्या करना है इसकी ट्रेनिंग हर व्यक्ति को मिलनी चाहिए। इसके बाद सरकार ने ख्0क्क् में सीबीएसई के कोर्स में इसे शामिल कर लिया है। हम टीचर्स को बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग देंगे और टीचर बच्चों को ट्रेंड करेंगे।

सांप काटे तो ये करें

दिल्ली एम्स से आई निर्मल ठाकुर ने बताया कि सांप काटने पर न तो चीरा लगाना है न ही शरीर के किसी हिस्से को बांधना है। कोई सांप काटता है तो उस अंग को स्थिर रखें। पैर में काटा तो उसे हिलाएं-डुलाएं नहीं। जल्दी से जल्दी अस्पताल लेकर जाएं। अगर पैर को हिलाएंगे तो उससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और शरीर में जहर फैल जाता है। उसे स्थिर रखेंगे तो ऐसा नहीं होगा।