- सभी ब्लैक स्पॉट की टैगिंग किए जाने की कवायद शुरू

- छह साल में यह तय नहीं हो सका, कौन सी रोड किसकी

sanjev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW:

प्रदेश में रोड एक्सीडेंट रोकने में नाकाम रोड सेफ्टी सेल अब गूगल की शरण में पहुंच गया है। चौराहों की इंजीनियरिंग सुधारकर रोड एक्सीडेंट रोकने की जगह अब लोगों को गूगल के माध्यम से ब्लैक स्पॉट की जानकारी करनी होगी और खुद इनसे बचकर निकलना होगा। प्रदेश भर के ब्लैक स्पॉट की टैंिगंग की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी भी दे दी गई है।

एक-दूसरे पर टाल रहे

विभागीय अधिकारियों के अनुसार टैगिंग सिर्फ इसलिए कराई जा रही है जिससे पता चले कि ब्लैक स्पॉट वाली वह जगह किस विभाग के हिस्से में आती है, जिससे वह विभाग उसे ठीक कराए। आलम यह है कि पिछले छह सालों में यह ही नहीं डिसाइड हो सका है जिन जगहों पर दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं, उस रोड का निर्माण किसने कराया है। अब यह काम गूगल को दिया गया है। वह ब्लैक स्पॉट की टैगिंग कर यह भी बताएगा कि इस सड़क का निर्माण और मेंटीनेंस किसके हवाले है।

जानकारी देगा गूगल

यह कार्यवाही पूरी होने के बाद गूगल से यह भी करार किया जाएगा कि रोड पर चलने वालों को मोबाइल से ब्लैक स्पॉट के बारे में अलर्ट किया जा सके। जैसे गूगल पर रोड देखते हुए जाने वाला व्यक्ति जैसे ही ब्लैक स्पॉट के इर्द गिर्द चलेगा वैसे ही मोबाइल उसे सावधान कर देगा कि आप दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र में हैं।

बढ गए ब्लैक स्पॉट

सड़क सुरक्षा सेल से जुड़े परिवहन विभाग के अधिकारी प्रताप सिंह के अनुसार पिछले तीन सालों में प्रदेश में ब्लैक स्पॉटस की संख्या 1057 से बढ़ कर 1200 से अधिक हो गई है। वहीं राजधानी में ब्लैक स्पॉट 67 हो गए हैं। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग ने दुर्घटना बहुल्य क्षेत्रों में साइन बोर्ड भी लगवाएं हैं।

ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें सुधारने का काम चल रहा है। एक एजेंसी को इन्हें चिन्हित कर टैगिंग की जिम्मेदारी दी गई है। ब्लैक स्पॉट को इंजीनियरिंग कर सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं।

धीरज साहू, परिवहन आयुक्त

परिवहन विभाग उत्तर प्रदेश

ब्लैक स्पॉट पर एक नजर

नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया के आधीन

- भोला पुरवा वीकेटी हाईवे, भैंसापुरवा मोड़ हाईवे, नंदना हाईवे, कमता चौराहा, अहिमामऊ, खुर्दई बाजार, कस्बा गोसाईगंज, गंगागंज, अजीज नगर चौराहा, उतरेटिया पुल के नीचे, इंडिया चौराहा, गौरी बाजार चौराहा, एयरपोर्ट चौराहा, नादरगंज, गौरी बाजार चौराहा, दरोगाखेड़ा, भिटौली चौराहा, निगोहां, मटियारी चौराहा, वृंदावन, बैटोली पुल, तहसील मोड़,

पीडब्लूडी के आधीन

इको गार्डन कैलाशपुरी, मोहान रोड, शहीदपथ पुल, बड़ी लालकुर्ती, आलमबाग, बारादरी चौराहा, आईटी चौराहा, 1090 चौराहा, आरटीओ ऑफिस, इको गार्डन, वीआईपी रोड, कनौसी पुल, बंगला पुल चौराहा, रजनीखंड, भैसाकुंड, बिजनौर, हजरतगंज चौराहा, परिवर्तन चौक, बाराबिरवा चौराहा, सरपतगंज तिराहा, नंदना हाइवे, बरना क्रासिंग, छोटी लालकुर्ती, देगोई, मानपुर, अर्जुनपुर, सरपोतगंज,

हादसों पर एक नजर

वर्ष एक्सीडेंट मौतें

2017 38783 20124

2019 42572 22655

स्पीड के सामने जानकारी फेल

विभागीय अधिकारियों के अनुसार गूगल पर ब्लैक स्पॉट की लोकेशन डालने से एक्सीडेंट में कमी नहीं आएगी। एक्सीडेंट का सबसे बड़ा कारण स्पीड है। स्पीड अधिक होगी तो ब्लैक स्पॉट की सारी जानकारी धरी रह जाएगी और हादसा हो जाएगा।

बाइक सवार नहीं करते हैं यूज

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गूगल की जानकारी भी सिर्फ उनके काम आएगी जो लंबी दूरी के दौरान गूगल मैप का प्रयोग करते हैं। जो लोग बिना इसके सफर करते हैं उनका इससे कोई भला नहीं होने वाला। बाइक सवार किसी तरह के रोड मैप का प्रयोग नही करते हैं, ऐसे में उन्हें इसका कोई लाभ नही मिलने वाला।