लखनऊ (ब्यूरो)। गोमतीनगर विरामखंड 3 में शनिवार रात हुई दुस्साहसिक घटना में दबंगों ने मां बेटे पर तेजाब फेंक दिया। भागते समय दोनों हमलावर घर के पास गली में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए। पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें दबिश दे रही हैं। हमले में दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गेट नॉक कर किया अटैक

विरामखंड 3 में रहने वाले आकाश वर्मा प्राइवेट नौकरी करते हैं। शनिवार रात घर पर उनकी मां अनीता और छोटा भाई विकास था। आकाश के मुताबिक, रात करीब 9.30 बजे दरवाजे पर किसी ने विकास नाम पुकारते हुए दस्तक दी। इस पर मां अनीता ने छोटे भाई विकास को गेट खोलने को कहा। विकास उठकर गेट खोलने गया, पीछे से मां भी पहुंच गई। दो युवक सामने खड़े थे, उनके हाथ में एसिड की बोतल थी। दोनों ने वह मां और भाई पर उड़ेल दी। मां और भाई बुरी तरह झुलस गए। दोनों हमलावर भाग निकले। मां और भाई की चीख पुकार सुनकर आस पड़ोस के लोग दौड़े। आनन फानन में दोनों को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें सिविल अस्पताल भेज दिया गया। सिविल में दोनों की हालत नाजुक बताई जा रही है।

सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हमलावर

एडीसीपी पूर्वी सैयद मोहम्मद अली अब्बास, गोमतीनगर इंस्पेक्टर डीसी मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की पड़ताल की। एडीसीपी ने बताया कि दोनों हमलावर घटनास्थल के पास गली में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए हैं। उनकी तलाश में पुलिस की तीन टीमें दबिश दे रही हैं। इसके अलावा, मुख्य मार्ग समेत अन्य रूटों के कैमरे चेक किए जा रहे हैं। विकास और उनके भाई आकाश ने किसी से रंजिश की बात से इंकार किया है। घटना की कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जल्द ही हमलावरों की गिरफ्तारी की जाएगी।

हमलावरों की पहचान के बाद खुलेगा राज

आकाश पर एसिड अटैक क्यों किया गया और किन लोगों ने किया। सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों की पहचान के बाद हमले के कारण का राज खुल सकेगा। माना जा रहा है कि आकाश से हमलावरों की निजी खुन्नस थी। अब यह तभी साफ हो सकेगा कि आखिर क्यों उसके ऊपर एसिड अटैक किया गया। पुलिस आकाश की कॉल डिटेल के साथ-साथ उसके साथ काम करने वाले लोगों व दोस्तों से भी जानकारी ली जा रही है।

कोर्ट की गाइडलाइन की अनदेखी

एसिड अटैक को लेकर सरकार नहीं कोर्ट भी गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने एसिड की बिक्री को लेकर गाइडलाइन भी जारी की थी। हालांकि, ये नियम कायदे केवल कागजों तक सीमित रह गए। हकीकत में खुलेआम आज भी एसिड आम आदमी के लिए आसानी से उपलब्ध है।

ये है सुप्रीम कोर्ट का आदेश

-नाबालिग को तेजाब नहीं मिलेगा

-हर 15 दिन में बिक्री की रिपोर्ट एसडीएम को भेजनी होगी

- तेजाब खरीददार से आइडी लेकर पूरा ब्योरा रजिस्टर में लिखना होगा

- हर 30 दिन पर थाने पर ब्योरा भेजना होगा

- ग्राहक से पहचान पत्र की प्रति लेनी होगी

परचून की दुकान से खरीदा गया तेजाब

कुछ वर्ष पूर्व मडिय़ांव में किशोर को जो तेजाब पिलाया गया था, वह परचून की दुकान से खरीदा गया था। तत्कालीन इंस्पेक्टर मडिय़ांव संतोष कुमार सिंह ने इस बात की पुष्टि भी की है।

घरों में इस्तेमाल होने वाला तेजाब भी खतरनाक

घरों में टॉयलेट व होटल की सफाई करने के लिए तेजाब परचून की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है। इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है। यह भी खतरनाक होता है। हालांकि, यह बैटरी के तेजाब की तुलना में कम ज्वलनशील होता है।

बैटरी के तेजाब की भी हो रही खुलेआम बिक्री

नरही, आलमबाग, विकासनगर, इंदिरानगर, गाजीपुर, मडिय़ांव पुरनिया चौराहे समेत अन्य स्थानों के पास बैटरी में डालने का तेजाब आसानी से मिल रहा है। राजधानी में रजिस्टर्ड बैटरी की दुकानों के अपेक्षा अवैध दुकानों की संख्या अधिक है। इनसे 10 से 20 रुपये में बोतल भर तेजाब आसानी से खरीदा जा सकता है।

बैटरी का तेजाब सबसे खतरनाक

जानकारों के मुताबिक, सल्फ्यूरिक एसिड युक्त तेजाब सबसे खतरनाक होता है। यह तेजाब शरीर को पूरी तरह से झुलसा देता है। बैटरी में इसी तेजाब को इस्तेमाल होता है।

कब कब हुआ तेजाब से हमला

-14 जून 2005 फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही एक युवती पर एसएसपी आवास के पास तेजाब फेंका गया

-15 फरवरी 2011 को काकोरी में एक महिला पर तेजाब फेंका गया

-सितबंर 2011 में मोहनलालगंज स्थित बस स्टॉप पर एक महिला पर तेजाब फेंका गया

-17 जून 2012 आलमबाग में एक महिला पर तेजाब से हमला

-6 अगस्त 2013 न्यू हैदराबाद निवासी एक युवती पर तेजाब से हमला

-01 फरवरी 2014 शहीद पथ पर छात्रा पर एसिड से हमला

-27 जून 2019 मडिय़ांव में किशोर को तेजाब पिलाया गया