- माफी मांगने पर हो सकती है वापसी

- पार्टी में बगावत रोकने को बनी रणनीति

- उन्नाव में पार्टी ने अपनाया न्यूट्रल रुख

LUCKNOW: जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बगावत करने वाले नेताओं पर पार्टी अब नरम पड़ती जा रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर बागी विधायक व नेता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से माफी मांगते हैं तो उनकी वापसी पर विचार किया जा सकता है। वहीं, जोश में होश खोने वाले बागी नेताओं पर पार्टी सख्त कार्रवाई करेगी। उन्नाव में हुई बगावत पर उन्होंने यह कहकर चौंका दिया कि वहां पार्टी ने न्यूट्रल रहने की रणनीति अपनायी थी। माना जा रहा है कि सालभर बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी कोई बड़ा खतरा मोल नहीं लेना चाहती है।

जिला हारने वाले निशाने पर

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जिन जिलों में सपा का अधिकृत प्रत्याशी हार गया, वहां के मंत्रियों व विधायकों के खिलाफ पार्टी जल्द की कोई अहम निर्णय ले सकती है। कुछ मंत्रियों के पर कतरे जाने के संकेत भी पार्टी ने दिये हैं। वहीं, जिले में पार्टी प्रत्याशी को हारने से नहीं बचा वाले विधायकों का टिकट भी खतरे में पड़ सकता है। रायबरेली में मनोज कुमार पांडेय, मिर्जापुर में कैलाश चौरसिया और फतेहपुर में गायत्री प्रजापति जैसे कद्दावर मंत्री भी पार्टी प्रत्याशी को जिता पाने में नाकामयाब हुए। अलीगढ़ में सपा का वर्चस्व होने के बाद भी चुनाव हार का सामना करना पड़ा।

लोकसभा चुनाव से लिया सबक

दरअसल, लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद से पार्टी ने सभी चुनावों को बड़ी गंभीरता से लड़ा। कहना गलत न होगा कि पार्टी न केवल अपने जनाधार को बचाने में कामयाब हुई बल्कि उसने संकेत दे दिया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वह और ज्यादा मजबूती से उतरेगी। पंचायत चुनाव की कमान संभाल रहे लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने शुरुआती बगावत को कम करने में सफल भूमिका निभाई। केवल चार जगहों को छोड़कर बाकी स्थानों पर बागियों ने पार्टी की बात मान ली। पार्टी की नजरें अब ब्लॉक प्रमुख चुनाव पर है। इसके लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी गयी है।