- हर दिन उड़ती नियमों की धज्जियां, जिम्मेदार नहीं देते ध्यान
- एयर पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ रहा, सभी को होना होगा जागरुक
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LUCKNOW: शिकागो यूनिवर्सिटी के रिसर्च से यह साफ हो गया है कि शहर की आबो हवा पूरी तरह जहरीली हो चुकी है। एयर पॉल्यूशन के बढ़ते ग्राफ के लिए मुख्य रूप से सड़कों पर बढ़ती व्हीकल की संख्या तो है ही साथ में पेड़ों की कटाई और खुलेआम कूड़े को जलाया जाना भी एक मुख्य कारण है। हैरानी की बात तो यह है कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से लेकर नगर निगम व अन्य संबंधित विभाग एयर पॉल्यूशन को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं, जिससे हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
पॉल्यूशन के 5 प्रमुख कारण
पहला कारण
कूड़े को जलाया जाना
एयर पॉल्यूशन के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार कारण घरों या दुकानों से निकलने वाले कूड़े को सार्वजनिक रूप से जलाया जाना है। इस पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, लेकिन कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें निगम कर्मी खुद कूड़े में आग लगाते मिले हैं। निगम प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई तो की गई, लेकिन अभी कूड़े के ढेरों में आग लगाई जा रही है। इस दिशा में जनता को भी जागरुक नहीं किया जा रहा है, जिससे जनता भी कूड़े के ढेरों में आग लगाने से नहीं चूकती है।
5 हजार जुर्माना पर होता नहीं
खुले में कूड़ा जलाने वालों पर 5 हजार रुपये जुर्माने का प्राविधान है, लेकिन एक-दो मामलों को छोड़कर निगम की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
दूसरा कारण
वाहनों की संख्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा
शहर में वाहनों की संख्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। आरटीओ के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो साफ होता है कि डेली 400 से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हो रहे हैं। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि वाहनों की संख्या किस हद तक बढ़ी है। इसका सीधा असर एयर पॉल्यूशन पर पड़ रहा है।
इसे भी जानें
400 नए वाहन डेली होते रजिस्टर्ड
24 लाख गाडि़यां शहर में उगल रहीं धुआं
15 सिगरेट के बराबर एक गाड़ी का धुआं
23 लाख 80 हजार 854 वाहन शहर में
तीसरा कारण
अतिक्रमण ने बढ़ाया जाम का दर्द
शहर में लगभग हर इलाके में अतिक्रमण है। सड़क किनारे अतिक्रमण होने से सड़कों की चौड़ाई कम हो गई है। जिससे आए दिन जाम लगता है। जाम में सैकड़ों वाहनों के फंस जाने से एयर पॉल्यूशन बढ़ता है। वजह है जाम में फंसे वाहनों से निकलने वाला धुआं। अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी भी नगर निगम और जिला प्रशासन की है। इसके बावजूद कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया जाता है।
चौथा कारण
गायब होती हरियाली
एक तरफ तो जिम्मेदार महकमों की ओर से पौधरोपण किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ पेड़ों की कटान भी हो रही है, जिससे एयर पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ रहा है। वन विभाग को इस दिशा में ध्यान दिए जाने की जरूरत है। भले ही पहले से वन्य क्षेत्र के दायरे में इजाफा हुआ है, लेकिन शहरी क्षेत्र में हरियाली विकसित किए जाने की सख्त जरूरत है।
पांचवां कारण
प्लास्टिक का यूज
शहर में धड़ल्ले से प्लास्टिक का यूज हो रहा है। इसका सीधा असर एयर पॉल्यूशन पर पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से नगर निगम जरूर प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चला रहा है, लेकिन अन्य विभागों का सहयोग न के बराबर है। जब तक प्लास्टिक का यूज बंद नहीं होगा, तब तक एयर पॉल्यूशन का ग्राफ बढ़ता ही रहेगा।
इसे भी जानें
2 प्लास्टिक गोदाम निगम ने किए सील
1 लाख से अधिक वसूला जुर्माना
25 हजार जुर्माना प्लास्टिक/पॉलीथिन रखने में
वर्जन
खुलेआम कूड़ा जलाया जाना बैन है। ऐसे लोगों को चिन्हित कराया जा रहा है, जो खुले में कूड़ा जलाते हैं। इसके साथ ही प्रतिबंधित पॉलीथिन के खिलाफ नियमित अभियान चलाया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के लिए भी एक्शन प्लान बनाया जा रहा है।
डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त
वर्जन
अगर एक फोर व्हीलर दिन भर में 200 किमी का सफर तय करती है तो 15 सिगरेट के धुएं के बराबर पॉल्यूशन होता है। वर्तमान में वाहनों की संख्या के आधार पर खुद एयर पॉल्यूशन की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
अनूप मिश्रा, पर्यावरणविद्
वर्जन
खुले में कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाता है। निर्देश दिए गए हैं कि हर हाल में इस पर रोक लगाई जाए।
पंकज भूषण, पर्यावरण अभियंता, नगर निगम