- करप्शन के आरोप में सस्पेंड किये गए थे प्रयागराज के पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित और महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार

- दोनों अधिकारियों के साथ करप्शन में शामिल पुलिसकर्मियों की जांच कराने का डीजीपी को निर्देश

LUCKNOW: करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक और कड़ा रुख अपनाया है। वे प्रयागराज के एसएसपी रहे अभिषेक दीक्षित और महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार के सिर्फ सस्पेंशन से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने दोनों अफसरों की संपत्तियों की जांच विजिलेंस से कराने के निर्देश दिये हैं। आशंका है कि दोनों ही अधिकारियों ने करप्शन के जरिए कमाई कर प्रॉपर्टी बनायी है।

प्रतिनियुक्ति पर हैं आईपीएस अभिषेक दीक्षित

उल्लेखनीय है कि आईपीएस अभिषेक दीक्षित पर एसएसपी प्रयागराज के पद पर तैनाती की अवधि में गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर अनियमितताएं करने, शासन व पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का पालन सही ढंग से न करने और पो¨स्टग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन न करने और कोरोना महामारी को लेकर शासन और पुलिस मुख्यालय की ओर से शारीरिक दूरी बनाए रखने के निर्देशों का भी उन पर जिले में सही तरीके से पालन नहीं कराने का आरोप लगा था। इस पर हाईकोर्ट ने घोर अप्रसन्नता जताई थी। अभिषेक दीक्षित तमिलनाडु कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और 2018 में प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश आए थे।

क्रशर कारोबारी से वसूली मांगने में नपे पाटीदार

क्रशर एवं विस्फोटक कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी मंगलवार को महोबा कस्बे से चार किलोमीटर दूर बांदा रोड पर अपनी कार में घायल हालत में पड़े मिले थे। उनके गले में गोली लगी थी। होश न आने से उनके बयान नहीं लिए जा सके। गंभीर हालत में उन्हें कानपुर रेफर कर दिया गया है। आरजेएस स्टोन क्रशर के पार्टनर इंद्रकांत ने सोमवार शाम को ही वीडियो जारी कर एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार से जान का खतरा बताते हुए हत्या की आशंका जताई थी और वसूली मांगने के आरोप लगाए थे। कहा था कि उनसे छह लाख रुपये की मांग की जा रही है। उन्होंने एसपी पर अवैध तरीके से गिट्टी व मौरंग के वाहन निकलवाने का भी आरोप लगाया था।

मातहतों की भी होगी जांच

सीएम योगी आदित्यनाथ ने निलंबित आईपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित तथा मणि लाल पाटीदार की सम्पत्तियो की विजिलेंस से जांच कराने का निर्देश दिया है साथ ही इन दोनों अधिकारियों की अनियमितताओं में शामिल अन्य सभी पुलिसकर्मियों की जांच के निर्देश डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को दिये हैं। इस विभागीय जांच में जो भी अधिकारी-कर्मी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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आईपीएस पाटीदार के खिलाफ एफआईआर

करप्शन के प्रति सीएम योगी की सख्ती का ही नतीजा है कि एसपी महोबा रहे मणिलाल पाटीदार के खिलाफ महोबा कोतवाली में एफआईआर दर्ज करायी गयी है। वसूली मांगे जाने के भुक्तभोगी पीपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नीतिश पांडेय की ओर से दी गयी तहरीर के आधार पर पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार, चरखारी थाने के इंस्पेक्टर राकेश कुमार सरोज और खरेला के एसओ राजू सिंह को नामजद करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की धारा 384 के तहत केस दर्ज किया गया है।