- 2 हजार मकान इलाके में

- 7 हजार लोग इलाके में रहते हैं

- 2 हजार इलाके में हैं वोटर

- मेन रोड पर रखी है ट्रांसफॉर्मर ट्राली, करंट उतरने से पहले भी हो चुके हैं हादसे

- नजूल की जमीन बनी तलाब, गंदगी व जलभराव से जीना हुआ मुहाल

LUCKNOW : सरोजनीनगर द्वितीय वार्ड का मोहल्ला अवध विहार, शमा विहार और तपोवन विहार में समस्याओं का अंबार है। यहां दो हजार मकान हैं, लेकिन न तो जलनिकासी की कोई व्यवस्था है और न ही रोड। खाली प्लाट कूड़ादान बने हुए हैं, कूड़ा उठान तक की सुविधा नहीं है। यहीं नहीं रोड पर रखी ट्रांसफॉर्मर ट्राली जानलेवा बनी हुई है। आए दिन ट्रांसफार्मर ट्राली में करंट उतरने से हादसे होते हैं। कई बार इसकी चपेट में मवेशी और बच्चे आ चुके हैं। वहीं शिकायत के बाद भी जिम्मेदार विभागों के कानों में जू तक नहीं रेंग रही। जनप्रतिनिधि यहां झांकने तक नहीं आते हैं।

करेंगे चुनाव का बहिष्कार

अपनी मूलभूत समस्याओं से परेशान स्थानीय लोगों ने इस बार चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने का फैसला किया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक जनप्रतिनिधि आते हैं तो उन्हें एक ही मैसेज दिया जाएगा कि विकास नहीं तो वोट नहीं। पिछले पांच वर्षो से वह जनप्रतिनिधियों के चौखट पर चक्कर लगा रहे हैं। बिजली विभाग, नगर निगम अधिकारियों से शिकायत कर रहे, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।

ट्रांसफॉर्मर ट्राली बनी हादसे की वजह

अवध विहार कॉलोनी की मेन रोड पर ट्रांसफॉर्मर ट्राली रखी है। लोहे की ट्राली पर रखे ट्रांसफॉर्मर में अक्सर करंट उतर आता है। कई बार मवेशी व स्कूली बच्चे इसकी चपेट में आ चुके हैं। स्थानीय लोगों ने ट्राली को मेन रोड से हटाकर दूसरी जगह रखने के लिए बिजली विभाग से शिकायत की थी। यहीं नहीं स्थानीय लोगों ने तलाब के किनारे चंदा करके ट्रांसफॉर्मर रखने के लिए एक चबूतरा भी बनवाया है, लेकिन बिजली विभाग पचास मीटर की दूरी पर बने चबूतरा पर ट्रांसफॉर्मर रखने के लिए तैयार नहीं है। वहीं जवाब मिलता है कि अभी बजट नहीं है।

मूर्ति तालाब में डूबी

अवध विहार कॉलोनी में खाली जमीन पर बाबा भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाई गई थी। स्कूल की बाउंड्रीवॉल के बगल में जिस नजूल की जमीन पर बाबा की मूर्ति है, वहां कई मजार भी हैं। एरिया में जलनिकासी न होने के चलते आस-पास के मोहल्ले का पानी उस जमीन पर भरता है। कई वर्षो से जलभराव के चलते जमीन अब तलाब में तब्दील हो गई है। आस-पास के लोगों के घरों में पानी न भरे इसके लिए उन्होंने चंदा करके किनारे मलबा गिरवाकर बांध नूमा बनवाया है। हालांकि गंदे पानी के चलते लोगों का वहां रखना मुहाल है।

स्थानीय लोगों से बात-चीत

काफी समय से हम लोगों ने चंदा करके ट्रांसफार्मर को सुरक्षित रखने के लिए चबूतरा बनाकर दिया है, लेकिन बिजली विभाग वहां ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट नहीं कर रहा है। इसके लिए उनके पास बजट नहीं है।

-अनवर खान

रोड पर लोहे की ट्राली पर ट्रांसफॉर्मर रखा है और हर बार उस पर करंट उतर आता है। बारिश के समय कई मवेशी चपेट में आकर मर चुके हैं। स्कूल बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरा है, बच्चे भी इसकी चपेट में आ चुके हैं।

-जावेद

नजूल की जमीन पूरी तरह तालाब में बदल गई है। यहां तक की न तो वहां सफाई होती है और न ही जलनिकासी की जगह है। दूसरे इलाके की सीवर लाइन व नाली का गंदा पानी इस जमीन पर आता है और यहां लोगों का रहना तक मुश्किल है।

-मालती सिंह

इलाके में चंदा करके रोड बनाई गई। बारिश में लोगों के घरों तक पानी भर जाता है। जलनिकासी न होने से चंद मिनट की बारिश के चलते पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है। किचन व बेडरूम तक पानी भर जाता है।

-मो। आलम

न रोड है और न नाली है और न सफाई व्यवस्था। कहने को शहर का हिस्सा है, लेकिन हालात गांव से भी ज्यादा खराब हैं। महंगे व आलीशान मकान बने हैं, नगर निगम टैक्स भी लेता है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है।

-पुष्पा सिंह

बारिश के दिनों में बच्चे न तो स्कूल जा सकते हैं और न ही बच्चे व बुजुर्ग घरों से बाहर निकल सकते हैं। न तो रोड है और न ही जलनिकासी की कोई व्यवस्था। ऐसे में लोगों के घरों से निकलने वाला पानी कहां जाए। रोड पर जल भराव हमेशा बना रहता है।

-रजाउद्दीन

चंदा करके लोगों ने मलवा डाल कर किसी तरह जलभराव को बचाया है, लेकिन किसी दिन भी बारिश हो गई तो मलबे का बांध टूट जाएगा और गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच जाएगा। नजूल की जमीन पर कई महान लोगों की मूर्ति भी लगी है और मजार भी है, लेकिन जलभराव के चलते कोई वहां पहुंच नहीं सकता है।

-संजू त्यागी

समस्या को लेकर कई बार पार्षद, विधायक, मंत्री व सांसद को पत्र लिखा गया। नगर आयुक्त व मेयर से भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन आज तक यहां न कोई झांकने आया है और न कोई सुनने वाला है। आखिर हमारी समस्या का निदान कौन करेगा जबकि हम वोट भी देते हैं और टैक्स भी।

-संतोष